लखनऊ. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा और अन्य की सोमावर को जिला अदालत में जमानत खारिज की गई. तिकुनिया हिंसा में चार किसानों की मौत होने के बाद किसानों में भारी आक्रोश है. केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानून और किसानों की मौत के विरोध में 22 नवंबर को यूपी की राजधानी लखनऊ में किसान महापंचायत होगी. वहीं किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर 26 नवंबर को किसान पहली वर्षगांठ मनाएंगे.

एसकेएम ने अंतरराष्ट्रीय किसान संगठनों से 26 नवंबर को ऐतिहासिक भारतीय किसान आंदोलन की पहली वर्षगांठ मनाने की अपील की है. एसकेएम ने कहा कि कॉरपोरेट-नियंत्रित खाद्य और कृषि प्रणालियों के खिलाफ संघर्ष हर जगह किसानों की रक्षा के लिए एक सार्वभौमिक लड़ाई है. इस पृष्ठभूमि में एसकेएम ने 26 नवंबर को भारतीय किसानों के ऐतिहासिक आंदोलन की पहली वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय किसान संगठनों से अपील जारी की है. अपील में कहा गया है कि तथाकथित विकसित दुनिया में, किसान हाशिए पर हैं और संकटग्रस्त हैं, और भोजन और कृषि प्रणालियों के निगमीकरण ने उन्हें दरिद्र और कमजोर बना दिया है. यह एक प्रतिमान है जहां कुछ देश भारी और लगातार बढ़ती सब्सिडी के माध्यम से शेष किसानों का समर्थन करते हैं, और एक प्रतिमान है जिसके खिलाफ भारतीय किसान आंदोलन अपने मौजूदा सवाल उठा रहा है. एसकेएम का कहना है, ”हमारी लड़ाई एक तरह से हर जगह किसानों के अस्तित्व और सुरक्षा के लिए है, और कॉरपोरेट हमले और सरकार की ढीली जिम्मेदारी के खिलाफ है.”

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किसान नेताओं का कहना है कि 22 नवंबर को लखनऊ में किसान महापंचायत और 26 नवंबर को राज्य स्तरीय रैलियों और विरोध प्रदर्शनों के लिए कई जगहों पर योजना और लामबंदी बैठकें चल रही हैं. मध्य प्रदेश में ऐसी ही एक योजना बैठक बुधवार को होने वाली है. कई उत्तर भारतीय राज्यों के गांवों में एसकेएम के आह्वान के अनुसार अधिक किसानों को मोर्चा स्थलों पर लाने के लिए बैठकें चल रही हैं.

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