कोटद्वार. प्रदेश में इन दिनों उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग का मुद्दा गरमाया हुआ है. इसे लेकर छात्रसंघ लगातार विरोध कर रहा है. पेपरलीक को लेकर युवाओं ने देवी मंदिर सें झंडा चौक तक रैली निकाली. इस दौरान गुस्साए छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सीबीआई जांच की मांग की. साथ ही धामी सरकार से आयोग के अध्यक्ष को भी हटाने की मांग की है.

इसे भी पढ़ें- त्योहारों के समय में यात्रियों को तगड़ा झटका, इन शहरों के बीच रद्द हुई हवाई सेवा

बता दें कि UKSSSC पेपर लीक प्रकरण में धामी सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा था कि राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुचिता के साथ ही अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरी है. इसी क्रम में गत रविवार को सम्पन्न परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी द्वारा कराई जाएगी. उक्त एसआईटी का कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होगा. जांच निष्पक्ष ढंग से हो इसके लिए एसआईटी जांच की निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज के द्वारा की जाएगी. सेवानिवृत्त जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे. इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है. जांच एक माह में सम्पन्न की जाएगी, तब तक के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. एसआईटी जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- छात्रसंघ चुनाव में लहराया भगवा परचम, ज्यादातर कॉलेजों में ABVP का कब्जा, 80 फीसदी संस्थानों में दबदबा

सीएम धामी ने कहा है कि पेपरलीक की साजिश रची जा रही है. पेपरलीक के पीछे नकल माफियाओं और कुछ कोचिंग सेंटर हैं, जिनकी मिलीभगत है. जो ‘नकल जिहाद’ फैलाने की कोशिश में हैं. युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर अराजकता फैलाने की कोशिश है. इस दौरान सीएम धामी ने नकल माफियाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक नकल जिहादियों को उनकी सरकार खत्म नहीं कर देती, वे रुकेंगे नहीं. युवाओं के सपनों से खेलने वालों के खिलाफ सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.