गोविंद पटेल, कुशीनगर. प्रदेश सरकार भले ही “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर अमल का दावा कर रही हो, लेकिन कुशीनगर जिले के पडरौना विकास खंड में भ्रष्टाचार के खेल ने शासन की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ग्राम पंचायत अनारी बारी सहित दर्जनों गांवों में हुए निर्माण कार्यों में गहरी अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है. अधिकारियों की सांठगांठ से भ्रष्टाचार की बू आ रही है.

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सूत्रों के मुताबिक, नियमों को ताक पर रखकर एक ब्लैकलिस्टेड फर्म M/S AAYAT ENTER PRISES(09LEHPK1443M1ZZ) जिसको लाखों-करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया है. यह फर्म ब्लैकलिस्टेड फर्म नौतन हर्दो का है, जिसे गड़बड़ियों के चलते विभाग द्वारा ब्लैकलिस्ट किया गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि यह फर्म एक रोजगार सेवक की पत्नी के नाम पर पंजीकृत है, जबकि संचालन खुद रोजगार सेवक द्वारा किया जा रहा है. शासन के आदेशों के अनुसार, किसी भी फर्म का संचालन ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव या उनसे जुड़े रिश्तेदारों द्वारा नहीं किया जा सकता.

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GST टैक्स की चोरी के भी मिले प्रमाण

इतना ही नहीं इस फर्म को राज्य वित्त आयोग और मनरेगा जैसी योजनाओं के तहत भी भुगतान हुआ है. इससे साफ है कि यह सारा खेल अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता. इस पूरे घोटाले में करीब 18% GST टैक्स की चोरी के भी प्रमाण मिले हैं. इतनी बड़ी जीएसटी चोरी विकास कार्यों में की जा रही, लेकिन वाणिज्य कर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बेहोश हैं.

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ब्लैकलिस्टेड फर्म को भुगतान क्यों?

वहीं जीएसटी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से इस सम्बन्ध में जब भी बात किया जाता है तो कार्रवाई की बात तो करते हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई विभाग द्वारा नहीं की गई. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या शासन इस पर त्वरित और सख्त कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी कागजों में दबा दिया जाएगा? इस पूरे मामले में जब पडरौना विकास खण्ड अधिकारी से जानकारी लेने का प्रयास किया गया, लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर ब्लैकलिस्टेड फर्म को भुगतान क्यों किया जा रहा? आखिर यह फर्म किसका है‌?