गोविंद पटेल, कुशीनगर. जिले में भीषण गर्मी ने एक मेहनतकश किसान की जान ले ली. कसया थाना क्षेत्र के ग्राम तुर्कवलिया दरियाव सिंह निवासी 55 वर्षीय सदाबृज पटेल की मौत उस समय हो गई. किसान सहकारी समिति से खाद लेने के बाद साइकिल से लौट रहा था. चिलचिलाती धूप और उमस ने उनकी हालत इतनी बिगाड़ दी कि वे रास्ते में ही गिर पड़े और अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया.

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बता दें कि किसान सदाबृज पटेल सुबह साधन सहकारी समिति, शामपुर हतवा से एक बोरी यूरिया खाद लेकर घर लौटे थे. लेकिन जब दोबारा दूसरी बोरी लेने निकले, तो समिति पर खाद नहीं मिली. निराश होकर लौटते समय तेज धूप में उन्हें चक्कर आया और वे सड़क किनारे गिर पड़े. मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना दी. आनन-फानन में एंबुलेंस से उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

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ग्रामीणों का कहना है कि सदाबृज बेहद मेहनती और सरल स्वभाव के किसान थे. एक बोरी यूरिया के लिए इस तरह जान जाना बेहद दुखद और प्रशासनिक उदासीनता का उदाहरण है. यह घटना सिर्फ एक किसान की मौत नहीं, बल्कि हमारी कृषि व्यवस्था की सच्चाई को उजागर करती है. खाद के लिए किसानों को बार-बार लाइन में लगना पड़ता है. गर्मी में राहत के कोई इंतजाम नहीं. न छांव, न पानी, न प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा. सवाल उठता है कि आखिर अन्नदाताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और सहकारी समितियों की व्यवस्था में सुधार की मांग की है. उनका कहना है कि अगर समय रहते व्यवस्था होती, तो सदाबृज की जान बचाई जा सकती थी.