नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को घटना के गवाहों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि गवाहों के बयान तेजी से दर्ज किए जाएं. कोर्ट ने यूपी सरकार से लखीमपुर हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप और एक श्याम सुंदर की हत्या की जांच पर जवाब दाखिल करने को भी कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ‘घटना के दौरान 4-5 हजार लोगों की भीड़ थी जो सभी स्थानीय लोग हैं और यहां तक कि घटना के बाद भी ज्यादातर आंदोलन करते रहे. हमें यही बताया गया है. फिर, इन लोगों की पहचान में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.’ उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लोगों ने कार और कार के अंदर मौजूद लोगों को देखा है. लखीमपुर मामले पर यूपी सरकार ने रिपोर्ट जमा की. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा दिया. यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा, 30 गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने हो चुके हैं. उनमें 23 प्रत्यक्षदर्शी गवाह हैं. कुछ ही लोग दूसरे राज्य के थे. जो सबसे नजदीक थे, उनकी गवाही अहम है. मैं चाहता हूं कि कोर्ट कुछ गवाहों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान को देखे.
इसपर सीजेआई ने कहा, वहां जुटी भीड़ में बहुत से लोग सिर्फ तमाशबीन रहे होंगे. गंभीर गवाहों की पहचान ज़रूरी है. क्या कोई गवाह घायल भी है? वीडियो का परीक्षण जल्दी करवाइए. नहीं तो हमें लैब को निर्देश देना होगा. गवाहों की सुरक्षा भी जरूरी है. हमने राज्य सरकार की तरफ से दाखिल रिपोर्ट देखी है. जांच में प्रगति हुई है. हम गवाहों की सुरक्षा का निर्देश देते हैं. सभी गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सने दर्ज करवाए जाएं.