लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए किसानों की ‘अंतिम अरदास’ तिकुनिया में हो रही है. भारतीय किसान यूनियन टिकैत जिले के उपाध्यक्ष बलकार सिंह ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि, “किसी भी राजनीतिक नेता को मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जहां केवल संयुक्ता किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता मौजूद रहेंगे.”
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी पहुंचीं, जहां उन्होंने किसानों की मौत के बाद की रस्मों में हिस्सा लिया. लखीमपुर खीरी जा रही प्रियंका का स्वागत उनके दौरे के विरोध में लगे पोस्टरों से किया गया. पोस्टरों ने उन्हें 1984 के सिखों के नरसंहार की याद दिला दी और कहा कि उनकी ‘झूठी सहानुभूति’ की जरूरत नहीं है.
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किसान नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि वह राजनेताओं को अपना मंच साझा नहीं करने देंगे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा किसानों की समस्या सुनती नजर आईं. प्रियंका गांधी को मंच पर जगह नहीं मिली. श्रद्घांजलि सभा के लिए करीब 30 एकड़ इलाके में इंतजाम किए गए हैं. यह कार्यक्रम स्थल घटनास्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर है.
राष्ट्रीय लोकदल के अयक्ष जयंत चौधरी तिकुनिया पहुंचे. जयंत किसानों की आत्मा की शांति के लिए अंतिम अरदास कार्यक्रम में शामिल हुए. जयंत चौधरी को भी मंच पर जगह नहीं दी गई.
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