आशुतोष तिवारी, सुल्तानपुर. सुल्तानपुर के दीवानी कोर्ट में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. दीवानी न्यायालय में जिला जज लक्ष्मीकांत शुक्ला की अध्यक्षता में लोक अदालत का आयोजन हुआ. इस दौरान अधिवक्ताओं और एक वादकारी के बीच हाथापाई हुई. जहां शख्स को वकील लात-घूसे से जमकर पीटते नजर आए. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
मामले को लेकर जिला जज लक्ष्मीकांत शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सहमति के आधार पर मुकदमों का निस्तारण होता है. आपराधिक प्रवृति के जो छोटे-छोटे मामले हैं, जिनमें लंबी सजा नहीं है. उन मामलों में संस्तुति के आधार पर उनका निस्तारण कर दिया जाता है. इसमें अभियुक्त को भी लाभ रहता है. आज के दिन जो जुर्माना लगाया जाता है वो अन्य दिनों की अपेक्षा थोड़ा कम लगाया जाता है. सबसे बड़ा लाभ ये है कि मुकदमा लंबे समय तक चलता है, लेकिन यहां मुकदमे से छुटकारा मिल जाता है. सिविल के जो मामले हैं, वो आपसी सहमति से सुलझा लिए जाते हैं.
इसे भी पढ़ें- कहानी वही किरदार नए…8 केस, लाखों की डिमांड, घर पर कब्जा और पत्नी की प्रताड़ना, जानिए अतुल सुभाष जैसी एक और दर्दभरी कहानी
उन्होंने ये भी कहा कि लोक अदालत में जो भी निर्णय हो जाता है वो अंतिम होता है, मुकदमे बाजी का अंत हो जाता है. बाकी सामान्य अदालत में जो निर्णय है उसका कोई अंत नहीं है. क्योंकि निर्णय होने के बाद अपील, रिवीजन, रिट ये सारी बातें रहती हैं. इसलिए नहीं कहा जा सकता उस मुकदमे का अंत कब होगा. लोक अदालत में आपसी झगड़े का त्वरित निस्तारण हो जाता है, इसमें न कोई जीतता है न हारता है, क्योंकि निर्णय स्वयं स्वीकार किया जाता है.
देखें वीडियो-
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें