बाराबंकी. जिले के एक अस्पताल में संवेदनहीनता की हदें पार हो गई. यहां का वीडियो उस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जब एक मासूम बच्ची अपने घर के बिस्तर से गिर गई और इलाज के अभाव में उसने पिता की गोद मे दम तोड़ दिया.

तहसील सिरौलीगौसपुर के ग्राम तासीपुर निवासी संदीप कुमार शुक्ला की 6 महीने की बेटी बीती शाम घर पर अपने बेड पर लेटी हुई थी. उसके बाद अचानक उसने करवट ली इस दौरान बेटी बेड के नीचे गिरकर बेहोश हो गई और परिजन उसे लेकर एक निजी चिकित्सक के पास पंहुचे. उन्होंने छोटी बच्ची को देखकर हाथ लगाना मुनासिब नहीं समझा और परिजनों को सलाह दी कि छोटी बच्ची है इसलिए हमसे इलाज न कराओ और इसे लेकर सीएचसी सिरौलीगौसपुर जाओ. वहां कोविड एल वन प्लस अस्पताल है. वहां डाक्टर मिल जाएंगे.

पीड़ित पिता अपनी मासूम बच्ची को गोद में लेकर जब कोविड अस्पताल कि इमरजेंसी मे पंहुचा, तब वहां ताला लगा था. कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं था. पीड़ित पिता अपनी बच्ची को मुंह से सांस देता रहा. अंत में गंभीर रूप से जख्मी अंदरूनी चोट लगने से उसकी मौत हो गई.

इस घटना को लेकर जिला प्रशासन अस्पताल के चिकित्सकों के साथ खड़े दिखाई दे रहा है. डीएम डाक्टर आदर्श सिंह ने सूचना विभाग के माध्यम से एक पत्र जारी करके बताया कि बच्ची को मृत अवस्था मे उसके परिजन अस्पताल लेकर पंहुचे थे. जो परिजन आरोप लगा रहे हैं, वो सभी आरोप निराधार हैं. प्रशासन सभी खबरों का खंडन करता है. हालांकि मामला सुर्खियों में आने के बाद एसडीएम सिरौलीगौसपुर सुरेन्द्र पाल विश्वकर्मा ने पूरे मामले की जांच की है. वो अपनी रिपोर्ट जल्द ही जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे को सौपेंगे.

इसे भी पढ़ें – 2000 से अधिक बच्चों को किया जा चुका चिन्हित, मिलेगा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ

पीड़ित परिवार ने स्वास्थ्य विभाग के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए स्थानीय पुलिस बदोसराय थाने में तहरीर दी है. जबकि जिला प्रशासन कोविड अस्पताल सिरौलीगौसपुर के बचाव में उतर आया है. वहीं मामले का संज्ञान लेते हुए एसडीएम सिरौलीगौसपुर सुरेन्द्र पाल विश्वकर्मा ने वहां पंहुचकर जांच की है. जल्द ही वो अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को सौपेंगे. जिले के बीजेपी नेताओं ने भी प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सूबे के डिप्टी सीएम डाक्टर दिनेश शर्मा को पूरे मामले से अवगत कराया है.