लखनऊ. योगी सरकार की मानें तो यूपी में विकास की बयार बह रही है. विकास इतना कि कोई दूर-दूर तक नजर नहीं आता है, लेकिन हकीकत तो ये है कि यूपी में विकास कहीं खो गया है और विकास ही विकास की तलाश कर रहा है. हालांकि, भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास करने का नारा तो देती है, लेकिन इस नारे का जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं है. अगर ऐसा होता तो यूपी के एजुकेशन सिस्टम का बंटाधार नहीं हुआ होता और 7.84 लाख बच्चे पढ़ाई से दूर नहीं होते. खास बात तो ये है कि सरकार की पोल किसी और ने नहीं, बल्कि मोदी सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने खोली है.
बता दें कि लोकसभा में शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए बताया कि शिक्षा मंत्रालय का स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ‘प्रबंध’ पोर्टल संचालित करता है, जिस पर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्कूलों में पंजीकरण नहीं कराने वाले बच्चों से संबंधित डेटा प्रदान करते हैं और उसे अपडेट करते हैं. जिससे पता चला है कि वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 8 महीनों में देश भर में 11.70 लाख से अधिक ऐसे बच्चों की पहचान की गई है, जो स्कूल में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं. जिनमें सबसे ज्यादा यूपी के बच्चे शामिल हैं.
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शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि कुल 11,70,404 बच्चों की पहचान ‘स्कूल से बाहर’ के बच्चों के रूप में की गई है. स्कूल से बाहर के बच्चों की अधिकतम संख्या उत्तर प्रदेश (7.84 लाख) में है, इसके बाद झारखंड (65,000 से अधिक) और असम (63,000 से अधिक) हैं.
उपलब्धि का होर्डिंग उप्र सरकार ख़ुद लगवाएगी या…
वहीं केंद्र सरकार के इस आंकड़े को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने करारा हमला बोला है. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट कर कहा, उप्र भाजपा सरकार की इस उपलब्धि का होर्डिंग उप्र सरकार ख़ुद लगवाएगी या विपक्ष लगवाए?
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