लखनऊ. झांसी हादसे में 10 बच्चों की मौत के बाद योगी सरकार का नाकारा सिस्टम नींद से जाग गया है. हादसे के बाद फायर विभाग ने कई अस्पतालों में जांच की. इस दौरान 906 अस्पताल में से 301 अस्पताल के पास ही फायर एनओसी मिली. जिसके बाद फायर विभाग ने लखनऊ के 80 अस्पतालों को नोटिस भेजा है. ऐसे में अव्यवस्था की पोल खुल गई. बाकी बचे अस्पतालों में अभी जांच की जाएगी. उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. हादसे को लेकर अब सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार और उसके सिस्टम को मौत का इंतजार था क्या?
बता दें कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज में बड़ा हादसा हुआ है. चाइल्ड वार्ड में आग लगने से नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई. ये हादसा शुक्रवार रात करीब 10 बजे का बताया जा रहा है. आग के बीच चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर कई बच्चों को निकाला गया. प्रशासन ने 10 बच्चों की मौत की पुष्टि कर दी है. इनमें 7 बच्चों की पहचान भी कर ली गई है, वहीं 3 बच्चों की पहचान नहीं हो पाई है. झांसी के चीफ मेडिकल सुप्रीडेंटेंड के अनुसार, NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे.
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जानकारी के मुताबिक आग लगने की वजह वार्ड के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट होना बताई जा रही है. इस हादसे में प्रशासन ने 39 बच्चों को बचा लिया. इनमें से कई बच्चे घायल हैं, जिनका इलाज जारी है. सवाल ये उठ रहा है कि बाकी 5 बच्चों का क्या हुआ, क्योंकि चीफ मेडिकल सुप्रीडेंटेंड ने NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती होने की बात कही थी.
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