लखनऊ. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश से जन्मी पीडीए की जनचेतना अब पूरे देश के ‘पीड़ित, दुखी, अपमानित’ समाज के लिए अपने सम्मान, अधिकार, आरक्षण, पिछड़ेपन के दंश और दमित स्तर से उबरने के लिए संघर्ष की नई आवा बन गई है, जो लोग जहां भी संख्या में कम हैं वो भी जान गए हैं कि एकजुटता की शक्ति ही उनकी संख्या की कमी की क्षतिपूर्ति करने में सक्षम होगी और उनके हक की हिफात करने में भी. भाजपा ने शिक्षा का माहौल पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. पीडीए समाज के लोगों को शिक्षा से वंचित रखने की ये साजिशें अब और नहीं चलने वाली. भाजपा के दिन अब गिने चुने है. जनता 2027 में भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने जा रही है.

इसे भी पढ़ें- क्या मैं बेवकूफ दिखता हूं… आजम खान ने बसपा में जाने को लेकर दे दिया बड़ा बयान, अखिलेश यादव को लेकर कह दी बड़ी बात

आगे अखिलेश यादव ने कहा कि इसीलिए पीडीए उन अंतिम लोगों के स्वाभिमान-स्वमान के नवजागरण का नाम है जिनके हिस्से ऐतिहासिक रूप से उपेक्षा और उत्पीड़न ही आया है और ऐसे लोग हर समाज में हैं. इसीलिए ‘जो पीड़ित वो पीडीए’ के सैद्धांतिक सूत्र से एक-सूत्र हुए पीडीए समाज ने एक साथ मिलकर अब ये संकल्प उठाया है कि ‘पीडीए का परचम पूरे देश में लहराएंगे, हम अपनी पीडीए सरकार बनाएंगे! भाजपा की सरकार में पीडीए के साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव हो रहा है. सत्ता के संरक्षण में शोषण हो रहा है. इनका हक छीना जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- ‘साढ़े सात सौ सालों में मुगलों और…’ मंत्री संजय निषाद का बड़ा बयान, आजम खान और ‘आई लव मुहम्मद’ कैंपेन को लेकर जो कहा…

अखिलेश यादव ने कहा कि पीडीए की एकजुटता से भाजपा में घबराहट है. वह डरी हुई है. जिन गांवों में पीडीए समाज के लोग अधिक हैं और उनमें भी मल्लाह जैसे समाज जिनके बीच पीडीए की नयी चेतना का प्रसार हो रहा है, वहां भाजपा सरकार पीडीए पाठशाला खुलने के डर से अब सीधे ‘स्कूल बंदी’ नहीं करवा पा रही है तो सत्ता-सजातीय लोगों के द्वारा ‘टीचर’ न भेजकर झूठी हाज़िरी लगाने का दबाव प्रधानाध्यापकों पर बनवा रही है. ये भी स्कूल बंदी का ही एक और तरीका है. ऐसे सत्ता पोषित उच्चाधिकारियों के दुर्व्यवहार से जो अंतहीन आक्रोश उपजता है, वो अंततः हिंसक भी हो उठता है. नाइंसाफी या भ्रष्टाचार की अति की ही ये परिणति है.