लखनऊ. कफ सिरप मामले में सियासी पारा गर्माया हुआ है. पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर हैं. एक बार फिर अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने कहा, वाराणसी में कफ सिरप मामले में दिखाने के दांत नहीं, असली खाने वाले दांत दिखाइए और असली गुनाहगारों को बिना किसी दबाव के पकड़िए. देश की प्रधान-नगरी का ये हाल है तो बाक़ी का क्या होगा सब समझ सकते हैं.
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अखिलेश यादव ने कहा, वाराणसी में कफ़ सिरप में ये ऊपरी खुलासा हुआ कि जांच के दायरे में घिरी 70 फर्मों में से 50 फ़र्ज़ी हैं. लाइसेंस इश्यू करने वालों की भूमिका दोषपूर्ण है. टैक्स विभाग संलिप्त है. ईवे बिल का महाघपला है. अनुभव पत्र निराधार है. झूठे दस्तावेज़ संलग्न किये गये हैं. नकली लेन-देन का अंबार है. हवाला का गुजराती कनेक्शन है. मनी लॉन्ड्रिग की कई परते हैं. वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, सोनभद्र, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, बिहार से लेकर विदेशों तक तार जुड़े हैं.
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आगे अखिलेश यादव ने कहा, उप्र ही नहीं अब तो पूरे देश की जनता इस बात को लेकर चिंतित है कि ये तो वो दवा है जिसका राज़ खुल गया है. अभी तो न जाने ऐसी कितनी और तथाकथित दवाएं होंगी, जो दरअसल ज़हरीली हैं या नशे के विकल्प के रूप में बेची जा रही होंगी, जिनके सेवन से देश के नागरिकों का जीवन ख़तरे में पड़ सकता है. ये है भाजपाई कालेधन की समाप्ति के महादावे और नोटबंदी का सच. भाजपा राज में भाजपाइयों का हिस्सा तय है, इसीलिए पूरा देश ही ‘महा-भ्रष्टाचारमय’ है.
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