लखनऊ. अखिलेश यादव ने एक वीडियो शेयर कर अधिकरियों पर साधु-संतों से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. अखिलेश यादव ने कहा, किसी एक की सत्ता का अहंकार-अभिमान सच्चे साधु-संतों के मान-सम्मान से बड़ा नहीं हो सकता है. जो अपने लिए भूमि पर स्थायी क़ब्ज़ा करके बैठे हैं, वो धर्म के काम के लिए किसी और को अस्थायी भूमि तक का आबंटन नहीं करना चाहते हैं. ये सदियों से चली आ रही परंपरा का घोर अपमान है. व्यक्तिगत दंभ एक दिन हारता ही है.

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आगे अखिलेश यादव ने कहा, कुंभ और माघमेले की ये स्वस्थ परंपरा रही है कि इस पुण्य कार्य के आयोजन के लिए अधिकारीगण पूज्य साधु-संतों का आशीर्वाद लेते हैं, लेकिन कलयुग के वर्तमान भाजपा राज में हालात ये हो गये हैं कि साधु-संतों को अधिकारियों के आगे ज़मीन पर लेटकर गिड़गिड़ाना पड़ रहा है वो भी किसी व्यक्तिगत नहीं बल्कि धर्मार्थ कार्य हेतु.

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आगे उन्होंने कहा, ऐसे में सवाल ये उठता है कि अधिकारी किसके कहने पर संत-समाज से ऐसा दुर्व्यवहार करने का दुस्साहस कर रहे हैं. सब जानते हैं कि कोई भी समझदार अधिकारी ऐसा कार्य नहीं करता है, जिससे समाज आक्रोशित हो और ये भी सब जानते हैं कि अधिकारी किससे संचालित होते हैं और किसके डर और दबाव से ऐसा कुकृत्य करने पर मजबूर हैं. अपने को सबसे ऊपर दिखाने के लिए औरों को नीचा दिखाने का काम जो कर रहा है, वो याद रखें कि अधर्म कभी नहीं जीतता है और एकाधिकार की दुर्भावना अंततः पराजित होती ही है.