लखनऊ. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है, जिसका असर दिखना शुरू हो गया है. अमेरिका के टैरिफ लगाए जाने से अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने सभी को एकजुट रहने की अपील की है. साथ ही अपने मांगों सरकार के सामने रखने कहा है. अखिलेश यादव ने कहा, प्रिय निर्यातकों… हम सब जानते हैं कि टैरिफ़ की वजह से उप्र का निर्यात बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. प्रतिशोधात्मक टैरिफ़ भाजपा सरकार की नाक़ामयाब नीतियों का परिणाम है, उसका ख़ामियाज़ा निर्यातक और उन पर निर्भर बाक़ी व्यवसाय यथा पैकिंग व ट्रांसपोर्ट उद्योग तथा कामगार-कलाकार-शिल्पकार व उनके परिवार क्यों भुगते.
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आगे अखिलेश यादव ने कहा, बनारसी साड़ी से लेकर, कार्पेट उद्योग, पीतल उद्योग, ताला व हार्डवेयर उद्योग, चमड़ा उद्योग, इत्र उद्योग, स्पोर्ट्स उद्योग, फूड व प्रोसेस्ड प्रॉडक्ट्स, स्टोन-मार्बल उद्योग, रेडीमेड गारमेन्ट्स, मूंज, ज़री जरदोज़ी, होम फ़र्निशिंग, बांस, सुनारी, बिंदी, वुड प्रॉडक्ट्स, शज़र पत्थर शिल्प, सिरेमिक, लकड़ी के खिलौने, घुंघरू-घंटी, आयरन फैब्रिकेशन, कांच उद्योग, जूट वॉल हैंगिग, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स, टेराकोटा, हींग, हैंडमेड पेपर, सॉफ़्ट ट्वॉयज, केला फ़ाइबर, एल्यूमीनियम बर्तन, चिकनकारी, फ़र्नीचर, गौरा पत्थर शिल्प उत्पाद, तारकशी, मेटल क्रॉफ्ट आइटम्स, बांसुरी, हैंडलूम व हस्तशिल्प के अरबों-खरबों रूपये के प्रॉडक्ट्स बीच समंदर जहाज़ों में फंसे पड़े हैं.
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अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि उप्र के निर्यातक तबाही के कगार पर खड़े हैं. एक्सपोर्ट्स का पेमेंट साइकल बिगड़ गया है. निर्यातकों के सप्लायर्स और वेंडर्स अलग से परेशान हैं. यही वो समय है जब सरकार सामने आए और ODOP के तहत आनेवाले सभी उत्पादों को विशेष राहत प्रदान करे व अन्य प्रॉडक्ट्स को भी सुरक्षा-कवच प्रदान करे, जिससे कि वो विदेशी पाबंदियां से अपने को बचा पाएं. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो लाखों निर्यातकों का काम-कारोबार ठप हो जाएगा और करोड़ों लोग बेरोज़गार हो जाएंगे. इससे प्रदेश में बेरोज़गारी की समस्या और भी विकराल रूप से लेगी. सरकार अगर इस कठिन समय में प्रदेश के उद्योगों को सहायता और संरक्षण प्रदान नहीं करेगी तो फिर सरकार के होने का क्या मतलब रह जाएगा.
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अखिलेश यादव ने कहा, ये समय हर भेद को भूलकर एकजुट होकर, बात-बात पर दबाव बनाकर चंदा वसूलने वाली भाजपा सरकार के सामने अपनी मांगों को पुरज़ोर तरीक़े से रखने और मनवाने का है. हम आपके साथ हैं, क्योंकि ये लाखों परिवारों की आजीविका और जीवनयापन का विषय है. साथ ही ये उप्र में उद्योग-कारोबार व निवेश के भविष्य का भी सवाल है. सरकार के पास ऐसे कई उपाय हैं, जिनसे वो इस ‘टेरिफ़ाइंग टैरिफ़ इमर्जेंसी’ के बुरे असर से प्रदेश के निर्यातकों को बचाने के लिए मदद कर सकती है. हम फिर दोहराते हैं, दरअसल कमी कोष की नहीं सोच की है. हम आपके साथ हैं!
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