लखनऊ. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बीते दिन संसद भवन के पास वाली मस्जिद में सपा सांसदों के साथ बैठे थे. जिसकी फोटो सामने आने के बाद भाजपा ने मुद्दा को भुनाने की कोशिश करते हुए सियासी हमला किया. साथ ही मस्जिद को समाजवादी पार्टी कार्यालय बनाने का आरोप लगाया. जिसे लेकर सिसासी बखेड़ा खड़ा होता नजर आ रहा है. जिस पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसते हुए कहा था कि अखिलेश को टोपी पहन कर जाना चाहिए था. जिस पर अखिलेश यादव ने करारा पलटवार किया है.
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बता दें कि मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य के टोपी पहनने वाले बयान पर कहा, अगर उनके पास हो तो वह भेज दें, मैं पहन लूंगा. भाजपा को आस्था पसंद नहीं है. भाजपा नकारात्मक लोगों का समूह है. हम लोगों को जोड़ने की बात करते हैं. वहीं उन्होंने मस्जिद में बैठने का कारण भी बताया. उन्होंने कहा, हमारे सांसद इमाम हैं. सदन की कार्यवाही न चलने पर हम मिलने गए थे. आस्था के केंद्र पर राजनीति नहीं करना चाहिए.
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मस्जिद के अंदर कथित बैठक को लेकर अखिलेश यादव ने ये भी कहा, आस्था जोड़ती है और जो आस्था जोड़ने का काम करती है, हम उसके साथ हैं. भाजपा को यही तकलीफ है कि कोई जुड़े नहीं. भाजपा लोगों में दूरियां देखना चाहती है. भाजपा चाहती है कि लोग एकजुट न होकर बंटे रहें. हमारी सभी धर्मों में आस्था है. भाजपा को तकलीफ है तो हम क्या करें. भाजपा को आप सब जानते हैं, भाजपा का हथियार ही धर्म है.
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