विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कभी बड़ी सियासी पहचान रखने वाले आज़म खान अब अपने ऊपर लगे आरोपोX में धीरे-धीरे ही सही, लेकिन बरी हो रहे हैं. इसके पीछे की वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे. रामपुर में समाजवादी पार्टी सूत्रों की मानें तो आज़म खान जल्द ही साइकिल का हैंडल छोड़कर कमल की खेती की सिंचाई करते हुए दिख सकते हैं.
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आपको याद ही होगा वो दिन जब सीतापुर जेल में निरुद्ध आज़म खान ने रामपुर के सपा जिलाध्यक्ष को एक पत्र जारी कर इंडी गठबंधन के बहाने ही सही, लेकिन समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव पर करारा प्रहार किया था. इसके बाद एक और मामले में एक स्पेशल टीम गठित किया गया था, जिसमें 2 आईएएस अधिकारियों के साथ एक आईपीएस अधिकारी को सरकार बनाम आफाक अहमद केस की जांच कर रिपोर्ट पेश करनी थी, लेकिन इस केस को ही निरस्त कर दिया गया. ऐसे कुछ मामले और भी हैं, जिनको अगर देखें तो समझ आता है कि आजम खान और उनका परिवार अब योगी सरकार के सुर में सुर मिलाने को तैयार है.
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बता दें कि जौहर विश्वविद्यालय मामले में सरकार की पैरवी अब धीरे-धीरे सुस्त होती जा रही है. ऐसे में अगर सूत्रों की मानी जाए तो आज़म खान को अब जेल से बाहर आने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब्दुल्लाह आज़म के दो पैन दो पासपोर्ट और अलग-अलग जन्म प्रमाणपत्र पर भी सरकार अपनी नज़र हटा चुकी है. भाजपा की रामपुर यूनिट की मानें तो वहीं के दो बड़े नेताओं ने योगी सरकार से आज़म खान को थोड़ी रियायत देने के लिए पैरोकारी की है. जिसका फायदा आज़म खान को मिल सकता है.
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