लखनऊ. वाह! यूपी में विकास तो अपने चरम पर है. विकास ऐसा कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है, इसी बात को लेकर लोग कन्फ्यूज हैं. पीएम मोदी ने कई दफा कहा था, न खाऊंगा और न खाने दूंगा. प्रधानमंत्री ने तो ये भी कहा था कि डबल इंजन की सरकार में विकास तेजी से हो रहा है. हालांकि, ये बात कहने और सुनने तक ही ठीक लगती है. इसका हकीकत से कोई वास्ता नहीं. विकास का आलम ये है कि 6 महीने पहले 150 करोड़ रुपए की लागत से बना पुल धंस गया. अब सोचने वाली बात ये है कि पीएम मोदी तो न खाते हैं न खाने देते हैं, तो ऐसा कौन है, जो पैसा खा गया और डबल इंजन सरकार में विकास की सड़क कैसे धंस गई? क्या भाजपा सरकार इसी विकास की बात करती है?
इसे भी पढ़ें- ब्रजेश पाठक जी…सांड को नौकरी में रखा है! अस्पताल का कमरा खोलकर डॉक्टर गायब, जानवर खाता रहा कागज, मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में यही होता है?
बता दें कि अयोध्या-लखनऊ हाइवे पर यातायात सुचारू करने के लिए 6 महीने पहले 150 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ था. ये पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-27 का हिस्सा है, जो अयोध्या को लखनऊ से जोड़ता है. जिसका कुछ हिस्सा धंस गया है और दीवरों में भी दरारें देखी गई हैं. जो भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है. पुल के धंसने के बाद यातायात रोक दिया गया है. जिसके बाद लोगों का गुस्सा देखने को मिल रहा है. लोगों ने जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.
इसे भी पढ़ें- ‘भाजपा भ्रष्टाचार का विश्वविद्यालय और चुनावी भ्रष्टाचार का ब्रह्मांडविद्यालय’, आंकड़ों पेश कर अखिलेश यादव ने चुनाव में गड़बड़ी करने का किया दावा
अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि लखनऊ का हाल ऐसा है तो प्रदेश की सड़कों का हाल तो बद से बदतर होगी? क्या पीएम मोदी औऱ सीएम योगी इसी विकास की बात करते हैं! क्या डबल इंजन की सरकार में ऐसे ही विकास की कहानी लिखी जाएगी? अगर लखनऊ का ये हाल है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश का क्या हाल होगा? ऐसे में दावों के इतर और तथाकथित विकास को छोड़कर भाजपा को असल में विकास करने की जरूरत है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें