लखनऊ। हरियाणा और इससे पहले पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अब किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करने का बड़ा फैसला लिया है। बसपा सुप्रीमो मायवती ने शुक्रवार को X पर पोस्ट कर बताया कि अन्य पार्टियां बसपा कैडर के वोट तो ले लेती हैं, लेकिन बसपा प्रत्याशियों को वोट नहीं दिला पाते। इससे अपेक्षित सफलता नहीं मिलती, इससे हमारे कार्यकर्ता भी निराश हैं।
बीजेपी-कांग्रेस से जारी रहेगी दूरी
मायावती ने कहा, हरियाणा और इससे पहले पंजाब विधानसभा चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर शुक्रवार, 11 अक्टूबर को समीक्षा बैठक हुई। इसमें अब क्षेत्रीय पार्टियों से भी गठबंधन न करने का निर्णय लिया गया है। मायावती ने X पर पोस्ट लिखकर यह भी स्पष्ट किया है कि भाजपा, एनडीए और कांग्रेस, इण्डिया गठबंधन से भी बसपा की दूरी पहले जैसे ही जारी रहेगी।
पार्टी को कमजोर करने की साजिश
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बीएसपी देश की एकमात्र अम्बेडकरवादी पार्टी है। उसके आत्म-सम्मान और स्वाभिमान मूवमेंट के कारवां को हर तरह से कमजोर करने की कोशिशें जारी हैं। ऐसे में हमें अपना उद्धार खुद करने योग्य और शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया जारी रखनी होगी।
शासक वर्ग बनाने का आंदोलन है बसपा
मायावती ने कहा, बीएसपी विभिन्न पार्टियों, संगठनों और उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि बहुजन समाज के विभिन्न वर्गों को भाईचारा और सहयोग के बल पर संगठित कर राजनीतिक शक्ति बनाने के लिए बनी है। यह बहुजन समाज को शासक वर्ग बनाने का आंदोलन है। इसे अब इधर-उधर में ध्यान भटकाना अति-हानिकारक है।
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