विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कल यानी गुरुवार का दिन बहुत अहम होने वाला है, क्योंकि गुरुवार को प्रदेश के सबसे बड़े प्रशासनिक मुखिया यानी की मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सेवानिवृत्त हो रहे हैं. हालांकि, उनको सेवा विस्तार मिलने की हवा भी चल रही है. हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से अभी कोई ऐसा प्रपत्र केंद्र को नहीं भेजा गया है. ऐसे में कई ऐसे कार्यक्रम हैं, जिनके लिहाज से एक्स्ट्रा चार्ज वाले अधिकारी की नियुक्ति नहीं की जा सकती है. लिहाजा कई नाम ऐसे हैं, जो कि दौड़ में आगे है. हालांकि, उन नामों की चर्चा आगे करेंगे. लेकिन उससे पहले मनोज सिंह के द्वारा किये गए प्रमुख कार्यों की कर लेते हैं.

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मनोज कुमार सिंह पिछले साल जुलाई 2024 में मुख्य सचिव की कुर्सी संभाली थी. सबसे बड़ी बात थी कि उन्होंने रविवार के दिन अपना पदभार संभला था. उनकी गिनती बहुत तेजतर्रार अधिकारियों में होती है, जिसके कारण वो सीएम योगी के करीब आए. मूल रूप से रांची झारखंड के रहने वाले मनोज कुमार सिंह की शिक्षा झारखंड से ही हुई और 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. मनोज सिंह के पास उत्तरप्रदेश सरकार में लगभग सभी प्रमुख विभाग में रह चुके हैं, जिसमें खासतौर पर कृषि उत्पादन आयुक्त, आईआईडीसी, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज, सीईओ यूपीडा हैं.

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कई जिलों के डीएम भी रहे है मनोज सिंह

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, ललितपुर, पीलीभीत, गौतमबुद्ध नगर, मुरादाबाद इत्यादि जिलों के डीएम भी रह चुके हैं. जिसके कारण प्रदेश की छोटी इकाइयों में होने वाली दिक्कतों का भी उनको एहसास था. हालांकि, अभी कुछ दिनों पहले ऊर्जा मंत्री के साथ उनके खटपट की भी खबर आई थी. जिसके बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपने सोशल एकाउंट पर बिजली विभाग के निजीकरण करने वाले फैसले के लिए मुख्य सचिव को ज़िम्मेदार बताया था. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई 2025 यानी कल खत्म हो रहा है. ऐसे में नया सीएस कौन होगा, इसकी अटकलें तेज़ हो गई हैं. मनोज 1988 बैच के आईएएस थे. ऐसे में वरिष्ठता के आधार पर बात करें तो 1989 या 90 बैच के अफसर की ताजपोशी तय मानी जा रही है. जिसमें अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल और दीपक कुमार अपर मुख्य सचिव वित्त, बेसिक शिक्षा दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं.