लखनऊ. साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम धमाके के सभी 7 आरोपियों को मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने बरी कर दिया है. इन आरोपियों में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय रहीरकर, सुधाकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी शामिल हैं. जिसे लेकर सीएम योगी की प्रतिक्रिया सामने आई है. सीएम योगी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. साथ ही सनातन विरोधी कहा है.
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सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट लिखते हुए कहा, मालेगांव विस्फोट प्रकरण में सभी आरोपियों का निर्दोष सिद्ध होना ‘सत्यमेव जयते’ की सजीव उद्घोषणा है. यह निर्णय कांग्रेस के भारत विरोधी, न्याय विरोधी और सनातन विरोधी चरित्र को पुनः उजागर करता है, जिसने ‘भगवा आतंकवाद’ जैसा मिथ्या शब्द गढ़कर करोड़ों सनातन आस्थावानों, साधु-संतों और राष्ट्रसेवकों की छवि को कलंकित करने का अपराध किया है. कांग्रेस को अपने अक्षम्य कुकृत्य को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते हुए देश से माफी मांगनी चाहिए.
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कोर्ट ने क्यों किया आरोपियों को बरी?
अदालत ने अपने फैसले में माना कि मालेगांव में धमाका हुआ था, मगर ये साबित नहीं हो सका कि बम उस मोटरसाइकिल में रखा गया था, जिसके बारे में दावा किया गया था कि ये साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का था. अदालत ने 323 गवाहों और 8 डिफेंस गवाहों के बयानों को सुनने के बाद ये फैसला सुनाया. इसके साथ ही, अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया कि पीड़ितों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाए.
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