लखनऊ. उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (UPCAR) ने आज भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में अपना 36वां स्थापना दिवस ‘कृषि वैज्ञानिक सम्मान समारोह’ और ‘राष्ट्रीय संगोष्ठी विकसित कृषि-विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ के साथ मनाया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सूर्य प्रताप शाही कृषि मंत्री, दिनेश प्रताप सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात, बलदेव सिंह औलख, राज्य मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान आदि उपस्थित रहें.

इसे भी पढ़ें- UP TRANSFER BREAKING: 9 PCS अफसरों का किया गया तबादला, जानिए किसे मिली कहां की जिम्मेदारी…

इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देना और वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में एक विकसित राज्य बनाने के दृष्टिकोण पर चर्चा करना था. उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन सत्र का शुभारंभ किया. सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया, जिसमें उन्होंने कृषि के महत्व और राज्य के विकास में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला. कृषि वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री योगी ने अपने अभिभाषण में राज्य में कृषि विकास की वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की.

इसे भी पढ़ें- कांवड़ यात्रा में QR कोड रहेगा लागू: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के आदेश पर रोक से किया इनकार, कहा- सुरक्षा और…

सीएम योगी ने कहा, यूपी में सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र कृषि है. लगभग तीन करोड़ किसान कृषि पर निर्भर करते हैं. इसके बाद सर्वाधिक रोजगार एमएसएमई दे रहा है. इसके माध्यम से 1.65 करोड़ लोग रोजगार प्राप्त करते हैं. कृषि पलायन का नहीं, बल्कि खुशहाली का माध्यम बने. यह तभी संभव है, जब इस क्षेत्र में किए जाने वाले अनुसंधान का लाभ किसानों को दे पाएंगे. यूपी विकसित होता है तो भारत को विकसित होने से कोई ताकत रोक नहीं सकती. हर व्यक्ति अपने क्षेत्र में ईमानदारी से प्रयास करता है तो उस लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.

कृषि के विभिन्न आयामों पर गहन चर्चा हेतु तकनीकी सत्र शुरू हुआ, जिसकी अध्यक्षता श्री रविंदर, प्रमुख सचिव, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उत्तर प्रदेश ने की. डॉ. ए.के. सिंह, कुलपति, सीएसएयूएटी, कानपुर सह-अध्यक्ष रहे, जबकि डॉ. परमेंद्र सिंह, उप महानिदेशक, उपकार, लखनऊ संयोजक की भूमिका में थे. तकनीकी सत्र में विभिन्न कृषि विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान दिए.