लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित करते हुए कहा, 1947 से 2017 तक गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में सीमित कवरेज था और योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक नहीं पहुंच पाता था. लेकिन 2017 से 2025 के बीच किए गए नियोजित और लक्षित प्रयासों से आज नीति आयोग भी स्वीकार कर रहा है कि प्रदेश में 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं. ‘जीरो पॉवर्टी’ अभियान के तहत सरकार एक बड़े पैमाने पर कार्यक्रम चला रही है.
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उन्होंने कहा कि आज 1 करोड़ 6 लाख परिवारों को वार्षिक ₹12,000 की पेंशन (निराश्रित महिलाओं, वृद्धजनों और दिव्यांगजन) से जोड़ा गया है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत 4 लाख 77 हज़ार बेटियों की शादियां करवाई गई हैं, जिसमें अनुदान राशि ₹51,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी गई है.
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सबसे कमजोर वर्ग को मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्यान्न सुरक्षा के तहत 15 करोड़ लोगों को अनाज दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ 86 लाख परिवारों को गैस के मुफ्त कनेक्शन और होली-दीपावली पर मुफ्त सिलेंडर की सुविधा दी गई है. ‘अन्नपूर्णा भवन’ के माध्यम से गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की नई पहल शुरू की गई है. उन्होंने बताया कि 9 करोड़ परिवारों के जनधन खाते खोलकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया गया है. सामूहिक विवाह, पेंशन और अन्नपूर्णा भवन जैसी नीतियां समाज के सबसे कमजोर वर्ग के व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन देने का माध्यम बन रही हैं.
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