लखनऊ. प्रदेश में राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनीटरिंग का असर साफ नजर आ रहा है. सीएम योगी खुद हर माह जिलावार मामलों की समीक्षा भी करते रहते हैं. योगी सरकार की विशेष पहल के तहत तेजी से मामलों के निपटारे की रणनीति को अपनाया गया, जिससे राजस्व विवादों के मामलों में बड़ा सुधार देखने को मिला है. इसी का नतीजा है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश भर में राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी देखी गई है.
राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) द्वारा अक्टूबर माह की जारी रिपोर्ट में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक राजधानी में मामलों को निस्तारित किया गया है, जबकि जनपद स्तरीय न्यायालय में राजस्व के मामले निपटाने में एक बार फिर जौनपुर ने बाजी मारी है. जनपद स्तरीय न्यायालयों में राजस्व वादों के निस्तारण में पिछले 13 माह से जौनपुर टॉप फाइल जिलों में बना हुआ है.
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राजधानी में सबसे अधिक मामले निस्तारित 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि राजस्व विवादों के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए. उनकी इस पहल का उद्देश्य न केवल जनता को त्वरित न्याय दिलाना है, बल्कि प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को भी बढ़ावा देना है. इसी के तहत प्रदेश के जिलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी पूरी तत्परता से मामलों का निस्तारण कर रहे हैं. राजस्व परिषद की आरसीसीएमएस की अक्टूबर माह की रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर में पूरे प्रदेश में कुल 3,24,897 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया. लखनऊ जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने बताया कि सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में 15,260 मामले निस्तारित किए गए, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक हैं. इसके बाद प्रयागराज में कुल 10,501 मामलों को निस्तारित कर पूरे प्रदेश में दूसरा, गोरखपुर 8,165 मामलों को निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है. इसी तरह कानपुर नगर ने 7,866 मामले निस्तारित कर चौथा और शाहजहांपुर ने 7,707 मामलों का निस्तारण कर पांचवां स्थान प्राप्त किया है.
जनपद स्तरीय न्यायालयाें में जौनपुर ने मारी बाजी
जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार राजस्व मामलों को निस्तारित किया जा रहा है। बोर्ड ऑफ रेवन्यू की अक्टूबर माह की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से अधिक मामलों का निस्तारण किया है. जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के प्रति माह निस्तारण के मानक 250 के सापेक्ष 480 मामलों का निस्तारण किया है. इसका रेश्यो 192 प्रतिशत है. इसी के साथ जनपदीय न्यायायल में राजस्व मामलों के निस्तारण में प्रदेश में जौनपुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जबकि मानक 300 के सापेक्ष 334 मामलों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर लखीमपुर खीरी और मानक 300 के सापेक्ष 310 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर बस्ती है.
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इसी तरह अक्टूबर में जौनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 71 मामलों का निस्तारण कर 236.67 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जो की प्रदेश भर में सबसे अधिक है और जौनपुर प्रदेश भर में पहले स्थान पर है. वहीं भदोही के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 63 मामले निस्तारित किए गए. वहीं, मऊ के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 51 मामले निस्तारित किए गए. इसी तरह जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा निस्तारित किए गए मामलों में भदोही दूसरे और मऊ तीसरे स्थान पर है.
भू-राजस्व संबंधित मामलों के निस्तारण में भी जौनपुर अव्वल
इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व जौनपुर निर्धारित मानक 50 के सापेक्ष कुल 184 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान पर हैं. वहीं, अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व गाजीपुर कुल 36 वादों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर हैं और अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व मीरजापुर कुल 24 वादों का निस्तारण कर तीसरे स्थान पर हैं.
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