लखनऊ. 69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी. ऐसे में अभ्यर्थियों का इंतजार अब लंबा होता जा रहा है. मामले की सुनवाई 19 अगस्त यानी 6 दिन बाद होगी. अभ्यर्थियों ने भर्ती में आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाते रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने इस आदेश को तुरंत लागू करने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इसी बीच चयनित अभ्यर्थी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चले गए.
इसे भी पढ़ें- रात के अंधेरे में ‘मौत का कोहराम’: ट्रक से जा भिड़ी यात्रियों से भरी बस, 4 की गई जान, 20 से अधिक लोगों का हाल देख कांप गई लोगों की रूह
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कार्यकाल में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का विज्ञापन निकाला गया था. जिसके लिए पात्र अभ्यर्थी जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी TET पास किया था उन्होंने आवेदन किया. जिसके बाद मेरिट तैयार की गई और पात्रों को भर्ती कर लिया गया. लेकिन मामले में पेंच तब फस गया जब आरक्षित चयनित अभ्यर्थियों ने सूची पर आरक्षण नीति का पालन नही करने का आरोप लगाया. जिसके बाद इस मामले को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी कोर्ट में गए. जहां पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार से सूची को बदलकर नई सूची लागू करने को आदेशित किया. तब तक सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर चले गए. जहां पर सुनवाई होनी है.
इसे भी पढ़ें- यूपीवासी जरा बचकर ही रहना..! इन जिलों में 30-40 किलो की रफ्तार से हवा और होगी जमकर बरसेंगे बदरा, जानिए कहां-कहां होगी भारी बारिश
घरना प्रदर्शन से कचहरी तक का सफर
69 हजार शिक्षक भर्ती के पिछड़ा वर्ग अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन प्रक्रिया में शुरू से ही दोष था. जबकि सरकार इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चाहती तो लागू भी कर सकती थी. बावजूद इसके सरकार ने ढंग से इसकी पैरवी नहीं की जिसके कारण मामला फंसता जा रहा है. हम लोग पिछले 4 सालों से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन न्याय नहीं मिल पा रहा है. इसके लिए मंत्री के घरों का घेराव किया गया लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की गई, लेकिन कोई सटीक उपाय नहीं मिल सका है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक