विक्रम मिश्र, लखनऊ. जौनपुर जिले के रहने वाले प्रमोटी आईएएस विशाल सिंह का जन्म 3 नवंबर 1973 में हुआ था. पढ़ने में हमेशा से मेधावी रहे विशाल सिंह की प्रारंभिक शिक्षा जौनपुर में हुई इसके बाद दसवीं की पढ़ाई संत अतुलानंद आवासीय एकेडमी वाराणसी से पूरी की. साथ ही उन्होंने हायर सेकेंडरी की पढ़ाई यूपी कॉलेज वाराणसी से की है. उन्होंने आईएमएस गाजियाबाद से 1998 में एमबीए की डिग्री हासिल की. इन सबको करने के बाद विशाल सिंह ने सिविल सर्विसेज की तैयारी दिल्ली में रहकर शुरू किया. जिसका परिणाम रहा कि साल 2000 में विशाल पीसीएस की परीक्षा पास कर उत्तरप्रदेश में अपनी सेवाएं देने लगे.
विशाल कैसे आए सीएम के करीब
राम मंदिर पर फैसला आने के बाद जब अयोध्या जिले को अवस्थापना सुविधा मयस्सर करने के लिए विशाल सिंह को अयोध्या में विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष के रूप में आए. साल 2021 में आईएएस पर प्रमोट हुए विशाल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कल्पनाओं को मूर्त रूप दिया और एक सुंदर और व्यवस्थित अयोध्या की परिकल्पना को साकार करवाया. विशाल सिंह 2020 से 2024 तक अयोध्या जिले में अयोध्या विकास प्राधिकरण के वॉइस चेयरमैन रह थे. ये वो दौर था, जब अयोध्या अपने मूर्त रूप में ही विकसित करने की चुनौती थी. जिस पर विशाल सिंह खरे उतरे. बस यही वो दौर था कि जब मुख्यमंत्री की नज़र में विशाल सिंह जम गए और जब 33 आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची आई तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण पद निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क के साथ संस्कृति विभाग की ज़िम्मेदारी उन्हें सौप दी गई.
चुनौतियां भी कम नही होंगी
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग सीधे पंचम तल के साथ जनता से संवाद करता है, जबकि सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार की महती ज़िम्मेदारी भी निदेश सूचना की ही होती है. छोटे-बड़े अखबारों के साथ टेलीविजन और पोर्टल पर क्या मैटर जाना है इसका चयन भी बहुत हद तक सूचना निदेशक पर ही निर्भर होता है. अभी हाल की बात करें तो साल 2025 चल रहा है, जबकि 2027 में सूबे में विधानसभा आम चुनाव होने है. ऐसे में सूचना एवं जनसम्पर्क की ज़िम्मेदारी संभालना एक ज़िम्मेदारी भरा काम होगा, जिसमें विशाल सिंह के जिलाधिकारी भदोही और उपाध्यक्ष अयोध्या विकास प्राधिकरण का अनुभव काम आएगा.
मीडिया सलाहकारों पर भी नज़र रखने की चुनौती
अभी मुख्यमंत्री के कार्यालय में प्रिंट मीडिया के प्रमुख रहीस सिंह और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए मृत्युंजय सिंह हैं. इसके साथ मुख्यमंत्री के सलाहकार के पद पर सेवा दे रहे सूबे के वरिष्ठ आईएएस अवनीश अवस्थी को भी साधकर चलना होगा.
हालांकि, ताज़ा घटनाक्रम की बात करें तो मृत्युंजय कुमार सिंह पर लोकायुक्त कार्यालय में भ्र्ष्टाचार का एक मामला भी सामने आया है. जिस पर सरकार की साख को बचाकर विपक्ष के पास मुद्दा बनने से रोकना भी विशाल सिंह के लिए महत्वपूर्ण होगा. इसके साथ सूचना को मिलने वाले बजट में सभी छोटे बड़े अखबारों को विज्ञापन देना और पुराने लंबित पड़े बिलों का भुगतान करना भी नए निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य होगा.
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