विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव को लेकर सभी सियासी दल अपनी बेहतर प्रदर्शन को लेकर समीकरणों को साधने में लगे हुए हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव के समय हुए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में गठबंधन पर काला साया गहराने लगा है. कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने सभी 10 सीट पर पर्यवेक्षक और प्रभारी नियुक्त किया था, जबकि इस चुनाव में गठबंधन धर्म के तहत कांग्रेस समाजवादी पार्टी से 5 सीट की मांग भी रखी है. जिस पर की समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कड़ा एतराज जाहिर किया था.

तो टूट जाएगा गठबंधन!

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में यू तो एक जैसा ही माहौल दिखता है, लेकिन पार्टी संविधान के लिहाज से दोनों दलों की कार्यशैली अलग है. ऐसे में इस गठबंधन के बहुत ज़्यादा दिनों तक बने रहने की गुंजाइश भी कम ही थी.

सपा नेता का बड़ा दावा

समाजवादी पार्टी के एक बड़े नेता और अखिलेश यादव के बहुत ही करीबी पूर्व एमएलसी रहे उदयवीर सिंह ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि समाजवादी पार्टी में बहुत सम्भावनाएं है, जबकि कांग्रेस सम्भावनाओं की तलाश यूपी में कर रही है. ऐसे में उसे समाजवादी पार्टी के बराबर आंकना जल्दबाजी होगी. बातों-बातों में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों अलग-अलग ही उपचुनाव मैदान में उतरने की फिराक में हैं.

हालांकि, उन्होंने फिर बात को संभालते हुए कहा कि इस 10 सीट से सरकार का बनाने बिगड़ने पर कोई फर्क तो पड़ेगा नहीं इसलिए दोनों दल अपनी अपनी पकड़ को जांचने के लिए भी अलग-अलग चुनावी मैदान में जा सकते हैं.

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