विक्रम मिश्र, लखनऊ. मध्यांचल विद्युत निगम के 14 जिलों के 30 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने जनवरी से लेकर अब तक कनेक्शन सरेंडर कर दिए हैं. इसमें 11 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने तो वैकल्पिक ऊर्जा यानी सोलर सिस्टम अपना लिया. दो हजार उपभोक्ता को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने मान लिया की कहीं और चले गए. लेकिन अभी भी 17 हजार उपभोक्ता कहां गए इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है.बिजली कनेक्शन तो उपभोक्ताओं ने सरेंडर कर दिया, लेकिन वो सोलर पर गए या कुछ और ऊर्जा का स्रोत अपना लिया इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है. इसका पता लगाने के लिए मध्यांचल विद्युत निगम ने तलाश शुरू कर दी है.
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ये कारण भी सम्भव है
ऐसा भी अंदाजा है कि बिजली बिल अधिक होने के कारण गायब हुए उपभोक्ताओं ने दूसरे के नाम से कनेक्शन ले लिया हो. ऐसे उपभोक्ताओं का पता लगाने के लिए अब मध्यांचल विद्युत निगम ने प्रत्येक जिले में स्थलीय सत्यापन कराने की कवायद शुरू करने जा रहा है.
बता दें कि यूपी में वैकल्पिक ऊर्जा की बढ़ती मांग और उस पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी के कारण प्रदेश के हजारों उपभोक्ता अब बिजली निगम से मुंह मोड़ रहे हैं और कनेक्शन कटा रहे हैं. अब बिजली विभाग के उपभोक्ता सौर्य ऊर्जा सिस्टम लगाकर 500 से अधिक यूनिट का प्रयोग कर रहे हैं. साथ ही बची हुई बिजली को विभाग को बेचकर कमाई भी कर रहे हैं.
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मध्यांचल में 30,765 उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग से दूरी बनाई है और 11,660 लोगों ने सौर ऊर्जा सिस्टम लगाया है. बिजली कनेक्शन कटवाने में पहले नंबर पर बहराइच दूसरे नंबर पर गौरीगंज (अमेठी) तीसरे पर बरेली ग्रामीण और चौथे नंबर पर अकबरपुर रहा है. वहीं सबसे कम कनेक्शन काटने में रायबरेली नगर पहले नंबर पर दूसरे पर बरेली नगर तीसरे पर रायबरेली ग्रामीण और चौथे नंबर पर लखीमपुर रहा है.
17 हज़ार गायब उपभोक्ता कैसे चला रहे काम
विद्युत निगम को यही बात खटक रही है कि 17 हजार उपभोक्ता के पास न तो बिजली कनेक्शन है और न ही सोलर सिस्टम है तो फिर वह बिना बिजली कैसे रह रहे हैं. इस बात का पता लगाने के लिए मध्यांचल विद्युत निगम पड़ताल कराने जा रहा है.
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