विक्रम मिश्र, लखनऊ. बसपा प्रमुख ने शिक्षा और मदरसा शिक्षा को लेकर बहुत गहरी चिंता जाहिर किया है. बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश की सरकारी प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा को लेकर अपने सोशल एकाउंट एक्स पर एक बयान जारी किया है, जिसमें मायावती ने कहा है कि सन 2023-24 में पौने दो करोड़ दाखिले सरकारी प्राथमिक और अपर प्राथमिक विद्यालयों में हुए थे, जबकि 2024-25 में मात्र डेढ़ करोड़ बच्चों का दाखिला ही सरकारी स्कूल में हुआ है. मतलब की लगभग 22 लाख बच्चे बीच में ही स्कूल को छोड़ दिए हैं. इस विषय पर मायावती ने सरकार को चेताते हुए कहा कि स्कूल की गुणवत्ता और उत्तम शिक्षा के संकल्प पर सरकार को गंभीरता से कदम उठाने चाहिए.
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बता दें कि 2026 में बिहार और 2027 में यूपी में चुनाव होने है ऐसे में एक बड़ी मुस्लिम आबादी जो कि बहुत सी विधानसभाओं में निर्णायक भूमिका में होती है. ऐसे में उन्होंने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार निजी मदरसों के प्रति अपना रवैया बदले तो बेहतर होगा.
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बसपा अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही. इसीलिए वो हर उस विषय पर जनता से जुड़ने की कोशिश कर रही है, जिससे पार्टी का भविष्य जुड़ा हुआ है. ऐसे में मायावती के अनुसार बिहार और यूपी में स्कूल्स और मदरसों की स्थिति बहुत खराब है, जिससे बहुजन गरीब परिवारों का बहुप्रतीक्षित विकास बाधित और इनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय है. जिसकी ओर ध्यान केंद्रित करते हुए मायावती ने सरकार से अपील किया कि वो स्कूल शिक्षा पर ध्यान देकर इन्हें बंद करने के बजाय प्रोत्साहित करें.
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