लखनऊ. वैसे तो सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार को सुशासन सरकार बताते हैं, लेकिन उनके ही मंत्री नितिन अग्रवाल नेता प्रतिपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए कानून की धज्जियां उड़ाने की बात कह रहे हैं. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि कोई नेता या मंत्री ऐसे शब्दों का प्रयोग कैसे कर सकता है? अगर जनता का प्रतिनिधि ही ऐसी बातें करेंगे तो लोगों पर इसका क्या असर पड़ेगा?
इसे भी पढ़ें- फूल के साथ आया था तो…पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हमले से नकारा, मुंह पर मोबाइल लगने को लेकर कही ये बात…
बता दें कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बयान दिया है कि पुलिस दो पिस्टल रखती है, एक लीगल और दूसरी इलीगल. जब पुलिस को फायरिंग करनी होती है तो वो अवैध तमंचे का प्रयोग करती है. जिसका जवाब देते हुए मंत्री नितिन अग्रवाल कहते हैं कि दंगों को रोकने के लिए, उपद्रवियों को रोकने के लिए जो भी तरीका होगा, हम उसे इस्तेमाल करेंगे.
इसे भी पढ़ें- ‘मौत को छूकर टक से वापस’: ताजमहल देखने आए पर्यटक को आया हार्ट अटैक, फिर ‘देवदूत’ बनकर पुलिस ने ऐसे दिया यमराज को चकमा…
इतना ही नहीं संभल हिंसा को लेकर कहा, हम उस सिद्धांत पर नहीं चलेंगे कि अगर एक थप्पड़ मारा है तो दूसरा गाल आगे करेंगे. अगर एक थप्पड़ तुम मारोगे तो पांच तमाचे हम भी मारेंगे. जिस भाषा में तुम बोलेगे, उस भाषा में हमारी सरकार जवाब देगी.
आगे उन्होंने कहा, सपा के दो पक्ष हैं, जिनकी आपस में वर्चस्व की लड़ाई होती है. संभल में जो हिंसा हुई है, वो इसी का नतीजा है. जहां भी हिंसा होती है, उनके नेता और कार्यकर्ता शामिल होते हैं.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें