विक्रम मिश्र, लखनऊ. पान मसाला फैक्टरियों से निकलने वाले वाहनों के इवे बिल की सख्ती से जांच के लिए हर पान मसाला फैक्ट्री के बाहर राज्य कर की कुल 60 से ज़्यादा टीमें तैनात कर दी गई हैं. 2 दिन पहले से चल रही इस कार्रवाई के दौरान मंगलवार को उत्पादन ठप पड़ गया. जबकि, आज ज़्यादातर कम्पनियां बंद पड़ी दिखाई दी हैं.
बता दें कि प्रमुख सचिव एम देवराज ने पान मसाला कंपनियों से निकलने वाली वाहनों की अनिवार्य इवे बिल स्कैनिंग के आदेश जारी किए हैं. जिसके तहत अधिकारियों का पान मसाला फैक्टरियों के बाहर शिफ्टवार ड्यूटी लगाने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं. इसके तहत अकेले लखनऊ में राज्य कर विभाग की 54 टीमें ड्यूटी पर लगाई गई है. प्रमुख सचिव द्वारा जारी रोस्टर 30 नवम्बर तक लागू रहेगा.
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नकली पान मसालों की आवक शुरू
राज्य कर विभाग के इस कार्रवाई से पुराने और खराब पान मसाले के साथ नकली पान मसाला की भरमार यूपी में देखने को मिल रही है. कई जगहों पर दाम से ज़्यादा रेट में पान मसाला बिक रहे हैं. वहीं नकली मसाला को पकड़ने में अधिकारियों की कोई दिलचस्पी नहीं रहती, क्योंकि न ही इनसे राजस्व मिलता है और न ही इनको डंप करने के लिए प्रदेश में कहीं कोई स्थान चिन्हित है. जानकर हैरानी होगी कि लगभग 25 करोड़ रुपए की रोजाना टैक्स चोरी के नकली मसाले प्रदेश में आ रहे हैं.
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इन जिलों में है पान मसालों की फैक्ट्री
लखनऊ, कानपुर, हरदोई, गाज़ियाबाद, मेरठ, नोयडा, हापुड़, कानपुर देहात, उन्नाव, श्रावस्ती, गोंडा, बाराबंकी, बहराइच, बलरामपुर, संतकबीर नगर, गोरखपुर, महारजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बनारस, जौनपुर और मीरजापुर में पान मसालों की इकाइयां हैं.
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