विक्रम मिश्र, लखनऊ. नगर निगम लखनऊ अपने अलबेले प्रयोगों के लिए जाना जाता है. कभी स्मार्ट सिटी परियोजना में चौराहों के चौड़ीकरण के नाम पर रोड पेंटिंग से काम चलाकर अपनी पीठ थपथपा लेता है तो कभी फुटपाथ की ज़मीन पर उन्हीं के अधिकारी कर्मचारी अवैध दुकानें लगवाकर उनसे वसूली करते हुए पाए जाते हैं. बाकी हर साल आने वाली बरसात तो नगर निगम लखनऊ की असल कहानी बयां कर ही जाती है.

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बता दें कि लखनऊ नगर निगम के हाकिम का नया फरमान आया है कि अब सभी नगर निगम लखनऊ के अधिकारी महंगी सरकारी गाड़ियों से नहीं, बल्कि बेस मॉडल बोलेरो से ही चलेंगे. लग्ज़री गाड़ियों के मेंटिनेंस और उसके रखरखाव में ज़्यादा खर्च आ रहा था, जिसको लेकर नगर आयुक्त ने ये फैसला लिया है.

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नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने नगर निगम अफसरों के लिए ली गई लग्जरी गाड़ियों को हटाने का आदेश जारी कर दिया है. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि लग्ज़री गाड़ियों के रखरखाव का बजट निगम पर भारी पड़ रहा था. इसके कारण उनको हटा कर एक्सयूवी वाहन के तौर पर बोलेरो गाड़ियां लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे अब लखनऊ नगर निगम के अधिकारी चलेंगे. नगर आयुक्त ने बताया कि इस फैसले से फिजूलखर्ची पर रोक लगने की उम्मीद है.

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