लखनऊ। राजधानी लखनऊ में अपनी मां और चार बहनों को मौत के घाट उतारने वाले आरोपी मोहम्मद असद का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में आरोपी ने बताया कि क्यों उसने अपने मां और बहनों को जान से मार डाला। मोहम्मद असद ने इस्लाम नगर के लोगों को इस पूरी घटना का जिम्मेदार ठहराया। साथ ही सीएम योगी और पीएम मोगी से मुसलमानों को सही तरीके से पहचानने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
आरोपी असद ने कहा कि आज बस्ती वालों की वजह से मैंने अपने हाथ से अपनी बहनों को मारा है। जब तक पुलिस को मेरा ये वीडियो मिले। तब ये बात आप जान लीजिए कि इन सब चीजों के जिम्मेंदार बस्ती वाले है। उन्होंने हमारा घर छीनने के लिए हम बुरी तरह से प्रताड़ित किया। हमने आवाज उठाई लेकिन किसी ने हमारी मदद नहीं की। हम 10 दिनों से मजबूर होकर इधर-उधर भटक रहे है। हमारा घर इन्होंने छीन लिया। मकान के पेपर हमारे पास है। बस्ती वाले बहुत खतरनाक है, जो लोग मंदिर बनवाने और हिंदू धर्म अपना चाहते थे। उन पर इन्होंने जुल्म किया।
असद बोला- इन मुसलमानों को मत छोड़िए
असद ने लखनऊ पुलिस से गुजारिश करते हुए कहा कि इनके जैसे मुसलमानों को मत छोड़िए। आप जो भी कर रहे हो अच्छा कर रहे हो। ये मुसलमान हर जगह जमीनों पर कब्जा करते है और लोगों पर जुल्म करते है। न जाने कितन गैर कानूनी काम करते है, नकली नोटों का धंधा करते है। जिसके खिलाफ हमने कई बार कार्रवाई करने की कोशिश की पर हमें कामयाबी नहीं मिल सकी। हमारी मौत का जिम्मेदार मुख्य रुप से रानू ऊर्फ अफताब अहमद, अलीम खान, सलीम और अजहर के साथ-साथ इनके सारे रिश्तेदार जो गली में ऑटो चलाते है। ये लोग बहुत बड़ा भूमाफिया गैंग चलाते है और लड़कियों को बेचते है। इनका प्लान था कि पिता और पुत्र को झूठे केस में फंसाए और जेल भिजवा दे। उसके बाद हमारी बहनों को हैदराबाद में जाकर बेच दें। ये सारी चीजे हम नामंजूर थी इसी कारण मैंने अपनी बहनों को गला दबाकर मार दिया।
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आरोपी ने इस दौरान अपनी मृत पड़ी मां और बहनों के शवों को भी दिखाया। इसके बाद उसने कहा कि ये सब मरे पड़े है और शायद सुबह तक मैं भी जिंदा ना मिलूं। हमने पुलिस, बजरंग दल और बीजेपी के नेताओं से मदद मांगी लेकिन हमे निराशा ही हाथ लगी। आखिरी वीडियो में मैं कहना चाहूंगा कि ये बड़े झूठे लोग है। हम लोग बदायूं के रहने वाले है। हमारी ताई के पास सन 47 तक के दस्तावेज मिल जाएंगे। हम पर ये लोग झूठा आरोप लगाते है कि हम बांग्लादेशी है। हमारे दादा, परदादा तक के प्रूफ हमारे पास मौजूद है।
बस्ती वालों से तंग आकर धर्म परिवर्तन करना चाहते थे
असद ने कहा कि हम लोग बस्ती वाले से तंग आकर धर्म परिवर्तन करना चाहते है ताकि हम चैन से जी सके। हम लोगों ने मंदिर बनवाए और उसमें पूजा अर्चना भी की। हिंदुस्तान के अंदर किसी भी परिवार को इस तरह का दुख झेलना न पड़े इसलिए मोदी और योगी से विनती है कि हर मुसलमान एक जैसे नहीं होते जैसा कि आप सोचते हो। हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि हमें जीते जी तो इंसाफ नहीं मिला तो मरने के बाद इंसाफ मिल जाए। उनको कड़ी से कड़ी सजा होना चाहिए। उन्होंने हमारा आधा प्लॉट छीन लिया और बाकि जमीन भी छिनना चाहते थे। हिंदुओं सच्चे ठाकुरों हम भी हिंदू परिवर्तन करना चाहते थे। उस घर के अंदर सिर्फ और सिर्फ मंदिर बनना चाहिए। जितना भी हमारे घर का समान है, जिनको हमारी बहनों ने प्यार से सजाया था। जो आज मर गई बेचारी। सारे समानों को किसी अनाथालय में दे देना ताकि उनके रुह को खुशी मिले।
बाप के साथ मिलकर मां और बहनों को मारा
आरोपी ने आगे बताया कि अपने बांप के साथ मिलकर मैनें अपनी मां और बहनों को मारा है। इसके अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं है। मैं उन्हें हैदराबाद में बिकता हुआ नहीं देख सकता हूं। आप लोग कहते हो कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ लेकिन इन मुसलमानों से कोई कैसे अपनी बेटी को बचा और पढ़ा सकता है। इन्होंने कई लोगों कि बेटियों को उठाकर हैदराबाद में बेच दिया। बेचारी आज मर रही होंगी। हम वो चीज नहीं चाहते थे इसलिए ऐसा कदम उठाया। कहां-कहां के मुस्लमान हिंदुस्तान में आकर बस गए। हमारे पास जमीन के कागजात भी है, हम जो लिखना चाहते थे वो लिखके भी दे दिया। कई जगह अर्जी भी भेजी और सुनवाई भी हुई लेकिन ये बस्ती वालों ने चौकी अपने कब्जे में कर रखी है। पैसा खिलाके सारे बच जाते है।
सीएम योगी से लगाई मदद की गुहार
असद ने सीएम योगी से विनती करते हुए कहा कि ये घर आप किसी के हाथ न लगने देन। इसमें हमारी जान बसती है। इस घर में सिर्फ और सिर्फ मंदिर ही बनना चाहिए। इतना जरुर कहूंगा कि आपकी मर्जी हमें जलाओ या दफनाओं लेकिन इन लोगों को इंसाफ दिलाओ। बेचारी बहुत तड़पी है, आज इनके हाथ कांटे और गला दबाकर मार डाला मैंने। एक सबसे छोटी बहन है, मेरी उसकी इज्जत बचाई है हमने। अपनी बहनों की इज्जत मुस्लमानों के हाथों लूटने नहीं देना चाहते थे इसलिए ऐसा काम किया। आप जो कर रहे हो, सही कर रहे हो ये साले पता नहीं कहां-कहां से आ गए। इन्होंने बहुत सारे मंदिर कब्जे में कर लिए। आखिरी उम्मीद तो आप ही हो हमारे मरने के बाद इसे पूरा कर देना। हाथ जोड़ के विनती है मेरी बहनों को इंसाफ दिलाओ, बहुत तड़पे हैं हम लोग।
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