लखनऊ. यूपी में अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है. आलम ये है कि अब अफसरों ने खुद को सरकार के मंत्री से बड़ा मान लिया है. कहने को नंद गोपाल नंदी मंत्री हैं, लेकिन वे अफसरों के सामने मजबूर हैं. अफसर उनकी सुन नहीं रहे. अंत में मंत्री महोदय ने सीएम योगी को पत्र लिखकर अपना दुखड़ा सुनाया. उन्होंने अफसरशाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने अफसरों पर मनमानी करने के साथ भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अफसर नीतियों को ताक पर रखकर फैसले ले रहे हैं.

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औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने पत्र के जरिए सीएम योगी को बताया है कि कई मामले ऐसे हैं, जिनमें अनियमितता है. जिसकी जांच कराने की मांग की है. उनका कहना है कि अफसर काम में अड़चन पैदा कर रहे हैं और फाइलें मंगाकर रख रहे हैं. कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं. उनका आरोप ये भी है कि 2 साल से कई फाइलों को कई बार मांगने पर भी अफसरों ने नहीं दिया है.

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इससे पहले भी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने सीएम को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने कई मामलों की सूची सीएम ऑफिस को भेजी थी. जिसके बाद सभी फाइलों को एक हफ्ते के भीतर देने के निर्देश दिए गए थे. बावजूद इसके अधिकारियों ने 6 महीने बीतने के बाद भी फाइलें नहीं भेजी. इतना ही नहीं विभाग में कामकाज का बंटवारा सक्षम स्तर से कराने के निर्देश तीन साल पहले दिए थे, लेकिन मामले की फाइल ही लापता हो गई. पत्र लिखने के बाद आरोपों की जांच के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही रिपोर्ट तलब की गई है. जिसका जवाब अधिकारी तैयार कर रहे हैं.