लखनऊ. वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को पूरी तरह हटाने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है. अत्यंत जोखिम वाले नौ नेताओं की सुरक्षा में लगे एनसीजी कमाडों को अगले महीने हटाया जाएगा. अब अधिक जोखिम वाले 9 नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था सीआरपीएफ को सौंपा जाएगा. वहीं अब एनएसजी का इस्तेमाल आतंकवाद विरोधी अभियानों में किया जाएगा.

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बता दें कि जिन 9 नेताओं को सबसे अधिक खतरा है, उनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला औरआंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का नाम शामिल हैं.

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इन सभी को अब सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा प्रदान किया जाएगा. ये भी बताया कि गृह मंत्रालय के अधीन दो बलों के बीच जिम्मेदारियों का हस्तांतरण एक महीने के भीतर पूरा होने की संभावना है.