विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश की सियासत अब सिर्फ लखनऊ से ही नहीं, बल्कि उसके समीकरण जेल में निरुद्ध नेताओं के हिसाब से भी बनती और बिगड़ी नजर आ रही है. हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, पूर्व विधायक इरफान सोलंकी, पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी, अब्बास अंसारी इत्यादि के जेल से रिहा होने के बाद सियासी समीकरण अब बदल गए हैं. लिहाजा प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा अब इन नेताओं के लिहाज से अपने समीकरण बना रही है.

इसे भी पढ़ें- दहशत का दूसरा नाम ‘आजम खान’! सपा नेता की रिहाई के बाद खौफ में 100 परिवार, घरों में कैद होने पर मजबूर, जानिए डर के पीछे की पूरी कहानी…

बता दें कि अभी कुछ दिन में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं. ऐसे में आजम खान रामपुर और उसके आसपास के जिलों में बड़ा प्रभाव डालते हुए समीकरण को बदलने की कूवत में हैं. इसी तरह कानपुर के सीसामऊ से पूर्व विधायक भी समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार हैं. उनको देखते हुए भी भाजपा कानपुर और आसपास के जिलों में अपना तानाबाना बुन रही है. इसी तरह मुख्तार अंसारी के बेटे मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी आजमगढ़, मऊ, और गाजीपुर के साथ बनारस में हावी है. उनके बड़े पिता अफजल अंसारी वर्तमान में मोहमदबाद से सांसद हैं. भाजपा की कोर टीम इस बड़े सियासी परिवार को देखते हुए अपनी रणनीति बना रही है.

इसे भी पढ़ें- राम, राहुल गांधी और राजनीति! कांग्रेस नेता के पोस्टर पर सियासी बखेड़ा, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बोला हमला, सनातन विरोधी बताते हुए कर डाली ये मांग…

वहीं नौतनवा से पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी को गोरखपुर के हरिशंकर तिवारी का धुर विरोधी और गोरक्षपीठ का करीबी माना जाता है. उनके भी जेल से रिहा होने के बाद से गोरखपुर और महारजगंज समेत सिद्धार्थनगर का समीकरण बदल सकता है. खबर है कि अमरमणि 2027 में बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.