विक्रम मिश्र, लखनऊ. एलडीए में फर्जी रजिस्ट्री मामले में एसटीएफ लगातार कार्रवाई कर रही है. पहले ही इस गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. यूपी STF ने अब एक और सक्रिय सदस्य सुशील मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है. जिसके खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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बता दें कि लखनऊ समेत आसपास के जिलों जैसे बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई और लखीमपुर में इस तरह का एक सिंडिकेट काम करता है. जहां पर प्राधिकरण के बड़े प्लॉटों की कूटरचित दस्तावेज बनवाकर लोगो को चूना लगाया जाता है. सुशील मिश्रा की गिरफ्तारी से पहले 6 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. इस गिरोह के खिलाफ भोपाल निवासी सर्वेश ने शिकायत की थी.
आवेश ने बताया कि उसको गोमतीनगर के उजरियाव में 3 प्लॉटों की रजिस्ट्री सुशील ने किया था. जब पीड़ित सर्वेश जब ज़मीन पर कब्ज़ा लेने गए तो उन्हें एलडीए ने रोक दिया. जब उन्होंने कब्ज़ा रोकने का कारण पता लगाया तो स्तब्ध रह गए. एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार पहले आरोपी खाली पड़े प्लाटों को चिन्हित करते थे, उसके बाद फर्जी कागज तैयार कर लोगों को बेचते थे. अब तक गिरोह ने 70 से 80 प्लॉटों को बेच चुके हैं.
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किसकी-किसकी हुई गिरफ्तारी
STF ने इससे पहले अचलेश्वर गुप्ता, मुकेश मौर्य, धनंजय सिंह, राम बहादुर सिंह, राहुल सिंह और सचिन को गिरफ्तार किया था और उनके कब्जे से 23 फर्जी रजिस्ट्री के कागजात, बैंक पासबुक और चेक बरामद किए थे. LDA की जमीन आवंटन से जुड़ी 45 फाइलों में से 24 फाइलों के गायब होने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. STF पहले ही 21 फाइलों की रिपोर्ट भेज चुकी है, लेकिन गायब फाइलों का रहस्य गहराता जा रहा है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
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