विक्रम मिश्र, लखनऊ. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन उत्तर प्रदेश में कमाल कर रहा है. कभी सीट बंटवारे को लेकर तो कभी प्रत्याशी सिंबल पर हमेशा तनातनी देखने को मिलते ही रहती है. लेकिन अब समर्थन के बाद समन्वय समिति को लेकर नई बहस छिड़ गई है, जिसमें कांग्रेस ने उपचुनाव में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को समर्थन देने के लिए विधानसभावार समन्वय समिति का गठन कर दिया है, लेकिन अभी तक सपा ने अपनी समन्वय समिति की घोषणा नहीं की है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा दोनों ने बातचीत के लिए अपने कुछ पदाधिकारियों की टीम बनाई थी. दोनों ओर की ये टीमें समय-समय पर एक साथ बैठक भी करती थी.
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हरियाणा में समाजवादी पार्टी को सीट नहीं देने का मलाल अभी भी देखने को मिल ही जा रहा है. अखिलेश यादव समय-समय पर इस बात का ज़िक्र कर कांग्रेस की हैसियत का अंदाज़ा उत्तर प्रदेश में लगवा ही देते हैं. उपचुनाव को लेकर पहले सीट बंटवारे फिर प्रत्याशी उतारने और अब समन्वय समिति का ब्यौरा, ये सब दर्शाता है कि समाजवादी पार्टी गठबंधन में तो रहना चाहती है, लेकिन कांग्रेस को उनकी हैसियत का अंदाज़ा भी समय-समय पर लगवा देती है.
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हालांकि, इन सबके बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि हमने समन्वय के लिए गठित अपनी समितियों का ब्योरा सपा को भेज दिया है. सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि उनकी भी समन्वय समिति का शीघ्र गठन कर दिया जाएगा.
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