लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच साल से कम शेष है, उनके लिए टीईटी (TET) पास करना अनिवार्य नहीं होगा. लेकिन जिनकी सेवा 5 साल से अधिक है, उन्हें परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले यूपी के 2 लाख शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है. वहीं इस फैसले को लेकर शिक्षकों ने कड़ा विरोध किया था. साथ ही शिक्षकों ने योगी सरकार से इस पर संज्ञान लेने की अपील की थी. अब योगी सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने की अनिवार्यता के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन (समीक्षा याचिका) करेगी, जिसकी जानकारी सीएम योगी ने सोशल मीडिया के जरिए दी.

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बता दें कि सीएम योगी ने बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए TET की अनिवार्यता पर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है. सीएम योगी ने कहा है कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है. ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है.

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क्या कहना है शिक्षकों का

50-55 साल की उम्र में शिक्षकों से टीईटी पास करने की मांग गलत है. कई शिक्षक शारीरिक और मानसिक चुनौतियों के बावजूद पूरी मेहनत से पढ़ा रहे हैं. नौकरी के 20-30 साल बाद दोबारा परीक्षा देना उनके लिए मुश्किल है. अगर वे फेल हुए या परीक्षा नहीं दी तो नौकरी जाने का खतरा है. ये फैसला उनके भविष्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है, जोकि कतई सही नहीं है.