लखनऊ. उत्तरप्रदेश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग पूरे प्रदेश में व्यापक फूड रजिस्ट्रेशन एवं लाइसेंस अभियान चला रहा है. यह अभियान अप्रैल के पहले सप्ताह से चल रहा है, अभियान की अवधि को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सभी फूड रेस्टोरेंट, खाद्य व्यापारियों और संबंधित व्यवसायों को खाद्य सुरक्षा मानकों के तहत रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग प्रक्रिया से जोड़ना है, ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकें. प्रदेश के सभी जनपदों के खाद्य सुरक्षा अधिकारी कैंप लगाकर फूड रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस जारी कर रहे हैं. साथ ही उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वो सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र में कोई भी फूड रेस्टोरेंट एवं व्यापारी बिना रजिस्ट्रेशन एवं लाइसेंस के खाद्य कारोबार नहीं कर रहा है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सभी जिलों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में फूड रेस्टोरेंट एवं खाद्य व्यापार को खाद्य सुरक्षा मानकों के तहत चलाने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं. जिसके मुताबिक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग पूरे प्रदेश में खाद्य व्यवसाय संचालकों के लिए रजिस्ट्रेशन एवं लाइसेंस बनाने का अभियान चलाया जा रहा है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, ये अभियान अप्रैल के पहले सप्ताह से एक माह के लिए शुरू किया था, वर्तमान में ये अभियान अब 31 मई तक चलेगा.
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उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी फूड रेस्टोरेंट संचालकों और कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है. इसके बावजूद, कई छोटे-बड़े खाद्य व्यवसायी अभी तक इस प्रक्रिया से नहीं जुड़े हैं. इस स्थिति को सुधारने के लिए विभाग ने सभी जनपदों में विशेष कैंप आयोजित किए हैं, जहां खाद्य व्यापारी और रेस्टोरेंट संचालकों का रजिस्ट्रेशन कराने का अभियान चलाया जा रहा है. इन कैंपों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीमें मौजूद रहकर फूड व्यवसायियों को त्वरित रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान कर रही हैं.
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प्रदेश व्यापी फूड रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस अभियान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए चलाया जा रहा है. बिना लाइसेंस के संचालित होने वाले फूड रेस्टोरेंट व्यवसाय न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं, बल्कि यह कानून का उल्लंघन भी है. अभियान के तहत छोटे ढाबों, रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर बड़े रेस्टोरेंट और खाद्य निर्माण इकाइयों तक सभी को शामिल किया जा रहा है. इस अभियान के तहत अब तक हजारों की संख्या में नए खाद्य व्यवसायियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि 30 मई के बाद बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के खाद्य व्यवसाय संचालित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही प्रदेश के सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं कि उनके जनपद में कोई भी फूड रेस्टोरेंट या खाद्य कारोबारी सुरक्षा मानकों के तहत बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन प्राप्त किए खाद्य पर्दाथों का व्यापार न करें.
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