आगरा. ताजमहल परिसर और उसके आस-पास बंदरों की समस्याओं को हल करने के लिए पर्यटन पुलिस अल्ट्रासोनिक मंकी रिपेलर मशीनों का उपयोग करने की योजना बना रही है. ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेट, स्मारक के अंदर और पार्किंग में सैकड़ों बंदर मौजूद हैं, जो पर्यटकों को परेशान कर रहे हैं. एक साल में बंदरों के काटने की 20 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे विदेशी पर्यटकों में चिंता बढ़ी है.
इस समस्या से निपटने के लिए, ताजमहल के चारों ओर स्थित 11 पुलिस बैरियर पर अल्ट्रासोनिक मशीनें स्थापित की जाएंगी. शुरु में एक मशीन का परीक्षण किया जाएगा और यदि यह सफल रहा तो सभी 11 बैरियर पर मशीनें लगाई जाएंगी. मशीनों की खरीद ऑनलाइन की जाएगी और इसके लिए रिवाल्विंग फंड का उपयोग किया जाएगा.
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एसीपी ताज सुरक्षा, सैयद अरीब अहमद के अनुसार ये मशीनें 3500 वर्ग फीट (लगभग 325 वर्ग मीटर) के क्षेत्र को कवर करेंगी. इनमें से निकलने वाली ध्वनि तरंगें पर्यटकों को नहीं सुनाई देंगी, लेकिन बंदरों पर इसका प्रभाव पड़ेगा, जिससे वे उस क्षेत्र में नहीं आएंगे.
हालांकि नगर निगम ने पिछले 6 महीने में 450 बंदरों को पकड़ने का दावा किया है. लेकिन ताजमहल में बंदरों की समस्या बनी हुई है. ताजमहल, जो राजस्व में प्रमुखता रखता है, विदेशी पर्यटकों से 1100 रुपये और भारतीय पर्यटकों से 50 रुपये टिकट शुल्क लेता है. हर साल सरकार को यहां से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व मिलता है, फिर भी सुरक्षा और संरक्षण के मामले में लापरवाही देखी जा रही है.
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