महराजगंज. जिले में सितंबर 2019 में वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश के पैतृक मकान को अवैध तरीके से गिराए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर 2023 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव को दोषी अफसरों पर एफआईआर दर्ज करने और 1 माह में कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महराजगंज कोतवाली में तत्कालीन जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी कुंज बिहारी अग्रवाल, अधिशासी अधिकारी राजेश जयसवाल, अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ल समेत 26 लोगों पर संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है. आरोपियों में पुलिस, इंजीनियर और नगर पालिका कर्मी भी शामिल हैं.
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मनोज टिबड़ेवाल आकाश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि मकान गिराने की प्रक्रिया गैरकानूनी थी और प्रभावित परिवार को कोई नोटिस या समय नहीं दिया गया था. कोर्ट ने इसे “हिटलरशाही” करार देते हुए कहा कि ऐसा आचरण कानून के शासन के खिलाफ है.
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वहीं अब सभी दोषियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे. सभी राज्यों को अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में कानूनी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे.
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