मैनपुरी. वो कहावत है न कि कमजोर व्यक्ति पर हर कोई बल दिखाता है. बस वही कहावत डीएम अंजनी कुमार सिंह बिल्कुल सटीक बैठती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि एक महिला अपनी बेटी के साथ संपूर्ण समाधान दिवस में अपनी समस्या लेकर पहुंची थीं. इस दौरान मां-बेटी ने डीएम साहब से ऊंची आवाज में बात कर ली थी. जिसके बाद जिलाधिकारी ने दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया था. मामले को लेकर बाद में डीएम ने सफाई भी पेश की थी. वहीं पीड़ित मां-बेटी ने बयान देते हुए डीएम के दावों को गलत बताते हुए पूरी सच्चाई बताई है.

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बता दें कि पूरा मामला किशनी तहसील का है. जहां संपूर्ण समाधान दिवस पर डीएम अंजनी कुमार सिंह, एसपी विनोद कुमार लोगों की समस्याएं सुन रहे थे. इस दौरान ग्राम बहरामऊ निवासी राधा देवी अपनी बेटी दिव्या के साथ पहुंच थी. दोनों ने शिकायत करते हुए बताया था कि मेढ़बंदी होने के बाद भी दबंगों ने उनकी जमीन हथिया ली है. जबकि राजस्व अधिकारियों ने निशान भी लगा दिए थे, लेकिन इन लोगों ने दोबारा पैमाइश कराकर निशानों को मिटाकर दोबारा कब्जा कर लिया.

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इस दौरान मां-बेटी ने अधिकारियों से ऊंची आवाज में बात की. जो बात डीएम साहब को बिल्कुल रास नहीं आई और फिर अपने पावर का इस्तेमाल कर दोनों को जेल भिजवा दिया. जहां दोनों के खिलाफ शांतिभंग करने के लिए पुलिस ने चालान कर दिया. वहीं जब मामला बढ़ा तो डीएम साहब ने एक वीडियो के जरिए सफाई दी कि महिला कलेक्टर ऑफिस में आत्महत्या की धमकी दे रही थी. जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती थी. साथ ही यह भी कहा कि शांति बनाए रखने के लिए दोनों को पुलिस की देखरेख में रखा गया था.

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वहीं घटना को लेकर मां-बेटी ने बताया कि समाधान दिवस पर अधिकारी से शिकायत करने गए थे. इस दौरान एप्लीकेशन उनके सामने पेश किया और समस्या सुनाने लगे. इतने में डीएम साहब भड़ उठे और बोले 4 डंडा मार कर इन्हें भगाइये और 2-4 दिन जेल में डलवाइये. अब मामले को लेकर सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर डीएम साहब झूठ बोल रहे हैं या मां-बेटी?