लखनऊ. डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ मंदिर की ओर से मनकामेश्वर घाट उपवन परिसर में मंगलवार 18 जनवरी को पूर्णिमा काल में आदि गंगा मां गोमती की आरती की गई. साल की पहली पूर्णिमा आरती पर मेवे वाली गाय के दूध से तैयार खीर का वितरण प्रसाद के रूप में किया गया. इस अवसर पर देवी मां शाकम्भरी की जयंती पर विशेष पूजन अनुष्ठान किया गया.

मठ मंदिर की श्रीमहंत देव्यागिरि की अगुआई में गौरजा गिरि, गौरव शुक्ला सहित रोहित, अजय, हिमांशु, सुनील, रवि, अश्वनि, प्रवीण, संदीप और अभिषेक ने मां गोमती की आरती की. इस अवसर पर परिसर वेद मंत्रों, शंखनाद, घंटियों आदि से गूंज उठा. श्रीमहंत देव्यागिरि ने देवी मां शाकम्भरी देवी का पूजन करने के उपरांत बताया कि शाकम्भरी देवी, आदिशक्ति जगदम्बा का सौम्य अवतार है. उन्हें रक्तदंतिका, छिन्नमस्तिका, भीमा देवी, भ्रामरी और कनक दुर्गा नाम से भी जाना जाता है. देवी मां शाकम्भरी की देश में कई पीठ है पर शक्तिपीठ केवल एक ही है. वह शक्तिपीठ सहारनपुर के पर्वतीय भाग में है. नौ देवियों मे शाकम्भरी देवी का स्वरूप सर्वाधिक ममतामयी है. इसलिए उन्होंने खासतौर से शाकम्भरी देवी मां से कोरोना और शीत लहर पर अंकुश लगाने की प्रार्थना की.

सेवादार जगदीश गुप्ता अग्रहरि ने बताया कि इससे पहले घाट परिसर में मां गोमती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए गए और परिसर को 1008 दीपकों से प्रकाशित किया गया. सेवादार उपमा पांडेय ने बताया कि घाट परिसर में रंगोली और दीपकों से रेखा दुबे, जमुना, सुनील चौहान, प्रियंका जोशी का दायित्व कलात्मक रूप से अदा किया. इस अवसर पर प्रशासन की ओर से कोरोना संकट के कारण रात में लगाए गए कर्फ्यू काल में ड्यूटी दे रहे पुलिस कर्मियों तक आयुर्वेदिक चाय की सेवा भी शुरू की गई. इसका मकसद लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना और अत्यधिक ठंड में राहत दिलवाना है.