
मथुरा. यूं तो सीएम योगी सुशासन की बात करते थकते नहीं. ऐसा कोई मंच नहीं, जहां सुशासन की गाथा का गुणगान न किया हो, लेकिन जमीनी हकीकत तो इसके उलट नजर आती है. जमीनी हकीकत न सिर्फ सीएम योगी के दावों की पोल खोलती है, बल्कि योगी सरकार के दोहरे रवैये का प्रमाण भी है. अगर हकीकत में सिस्टम इतना ही बेहतर होता तो नेत्रहीन विद्यालय में घुसकर यूपी पुलिस तांडव न मचाती और बेकसूर नेत्रहीनों पर डंडे न बरसाती. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसी सुशासन की बात योगी जी करते हैं क्या? अगर यही सुशासन की परिभाषा है तो फिर कुशासन की क्या?
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बता दें कि यूपी पुलिस के होनहार पुलिसकर्मी इतने बेलगाम हो चुके हैं कि गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में जतीपुरा स्थित एक नेत्रहीन विद्यालय में घुसकर पूजा पाठ कर रहे नेत्रहीनों को घसीटकर बाहर निकाला. इतना ही नहीं उन पर लाठियों की बारिश कर दी. जिससे मूलचंद नाम के युवक को गंभीर चोटें आईं हैं. हालांकि, पुलिस मारपीट की घटना को नकार रही है. पीड़ित अब न्याय के लिए एसपी से शिकायत करने की बात कह रहे हैं.
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मामले को लेकर नेत्रहीन संजू बाबा का कहना है कि 40 साल पहले उन्हें जमीन दान में मिली थी, जिसे बाला सेठ ने दी थी. इस जमीन पर मंदिर के साथ अंध विद्यालय बनाया गया है. जहां नेत्रहीन बच्चों को संगीत की शिक्षा दी जाती है. कुछ महीने पहले ही बाला साहब का निधन हो गया. अब जमीन पर प्लॉटिंग की जा रही है और जमीन खाली करने के लिए परेशान किया जा रहा है. दरोगा, सिपाही और कुछ अज्ञात लोगों ने गाली-गलौज कर विद्यालय से बाहर निकालते हुए डंडे बरसाए.
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