मऊ. यूपी में विकास की गंगा बहाने वाली भाजपा सरकार और उनके मंत्री ब्रजेश को मऊ जिला अस्पताल से आई तस्वीर को देखकर शर्म करनी चाहिए! मंत्री बज्रेश पाठक के दावे न सिर्फ झूठे साबित हो रहे हैं, बल्कि यूपी सरकार के दावों की पोल भी खोल रहे हैं. प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बद से बदतर है. ऐसी कई तस्वीरें अलग-अलग जिलों से आ चुकी है. भाजपा सरकार का विकास केवल कागजों तक ही सीमित नजर आता है. इसी का नतीजा है कि मऊ जिला अस्पताल में आधार कार्ड न देने पर गंभीर बीमार महिला को स्ट्रेचर नहीं दिया गया, जिसके बाद परिजन गोदी में उठाकर ले जाते दिखाई दिए. इस मामले में कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला है.

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बता दें कि पूरा मामला मऊ जिला अस्पताल का है. जहां गंभीर रूप से बीमार महिला को लेकर उसके परिजन पहुंचे थे. जहां उनसे अस्पताल के कर्मचारियों ने स्ट्रेचर देने के लिए आधार कार्ड मांगा. जब परिजनों ने आधार कार्ड न होने की बात कही तो स्ट्रेचर नहीं दिया गया. जिसके बाद परिजन महिला को गोदी में उठाकर ले गए. इतना ही नहीं आधार कार्ड न होने की वजह से इलाज में देरी भी की, जिसकी वजह से महिला की हालत बिगड़ गई. जिसको लेकर परिजनों में काफी नाराजगी देखने को मिली. जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल मऊ में आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य किया गया है, जिसकी वजह से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है.

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कांग्रेस ने वीडियो पोस्ट कर कहा, मऊ जिला अस्पताल में एक महिला बेहद गंभीर हालत में अस्पताल पहुंची. आरोप है कि अस्पताल स्टाफ़ ने आधार कार्ड न होने की वजह से उसे स्ट्रेचर नहीं दिया और समय पर जरूरी इलाज भी शुरू नहीं हुआ. इलाज में देरी और मदद न मिलने से महिला की हालत और बिगड़ गई. स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक का मौलिक अधिकार हैं, कोई काग़ज़ दिखाने का सौदा नहीं. अगर अस्पताल प्रशासन जरूरतमंद को तत्काल इलाज की बजाय कागजी प्रक्रिया में उलझा देता है तो यह न केवल असंवेदनशीलता है, बल्कि पूरी व्यवस्था की नाकामी का प्रमाण भी है. योगी आदित्यनाथ जी, आप अपने भाषणों में विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं देने के झूठे दावे करना बंद कर दीजिए, क्योंकि हकीकत सबके सामने है. अत्यंत शर्मनाक!