विक्रम मिश्र, लखनऊ। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। ऐसे में इस सत्र पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है। क्योंकि कई प्रदेश मे चुनाव भी है जबकि देश की जनता महंगाई और बेरोजगार जैसी समस्याओं से परेशान हो रही है। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर जैसे पराक्रमी कार्रवाई को लेकर भी प्रधानमंत्री का सम्बोधन पर सभी का फोकस है। संसद के मानसून सत्र को लेकर मायावती ने अपना विचार सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर दिया है।
मायावती ने की खास अपील
बसपा प्रमुख ने कहा कि पिछले सत्र की तरह जनहित और देशहित के मुद्दों के बगैर ही दलीय टकराव और मनमुटाव के साथ बिना की सार्थक बहस के ही खत्म हो गया था। ऐसे में इस सत्र की प्रतीक्षा लोगो को थी बहन जी ने उम्मीद जताई कि इस सत्र में सभी जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस और उससे निकलने वाला परिणाम की प्रतीक्षा सभी लोग कर रहे है। मायावती ने कहा कि सत्र मेहनतकश बहुजनो के अच्छे दिनों की ओर सही से आगे बढ़ने का भरोसा हो तो बेहतर होगा।
भाषा विवाद पर भी साधा निशाना
बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि देश के सामने जबरदस्त महंगाई गरीबी बेरोजगारी असुरक्षा इसके साथ खासकर क्षेत्र और भाषा विवाद देश की प्रगति को लेकर रोड़ा बन रहे है। इससे देश की सुरक्षा भी प्रभावित होती नज़र आ रही है। इसके लिए केंद्र सरकार को ठोस रणनीति बनाकर संसद का सुचारू रूप से संचालन करना सरकार की ज़िम्मेदार है। इसके साथ ही मायावती ने संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार को सकारात्मक रुख अपनाने के साथ विपक्ष को भी देश हित मे सरकार के साथ खड़े होने की अपील किया है।
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लोकतंत्र की संप्रभूता को नई चुनौतियां
मायावती ने आगे कहा कि विश्व के राजनीतिक व आर्थिक हालात जिस तेज़ी से लगातार नई करवटें बदल रहे हैं उसमें भारत सहित विभिन्न देशों के लोकतंत्र व उसकी संप्रभूता आदि को नई चुनौतियाँ एवं नया ख़तरा भी मंडलाने लगा है, जिसके प्रति भारत सरकार की अपनी राजनीतिक सजगता व कुशलता ही काफी नहीं है, बल्कि उसका सही से मुकाबला करने के लिए सरकार अगर विपक्ष के माध्यम से पूरे देश की जनता को विश्वास में लेकर आगे बढ़े तो यह उचित होगा। वास्तव में सरकार और विपक्ष दोनों पार्टी हित से ऊपर उठकर इन मुद्दों पर एकता बनायें, यही देश के बहुजनों की चाहत है।
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इसके साथ ही, संसद के वर्तमान मानसून सत्र के दौरान पहलगाम नरसंहार के मामले में भारत के ’आपरेशन सिन्दूर’ पर चर्चा के लिये सरकार को सकारात्मक होना चाहिये तो यह बेहतर होगा, क्योंकि देश की जनता व सीमाओं की सुरक्षा अन्ततः सरकार का पूर्ण उत्तरदायित्व बनता है, जिसके प्रति प्रतिपक्ष द्वारा भी पार्टी हित से ऊपर उठकर सरकार से सहयोग का रवैया अपनाना ज़रूरी अर्थात् सरकार व विपक्ष दोनों के लिए देश व जन सुरक्षा सर्वोपरि है।
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