लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के साथ वंशवाद की राजनीति की चर्चा भले ही खत्म हो गई हो, लेकिन राजनीतिक नेता अपनी पार्टियों में भाई-भतीजावाद को जमकर बढ़ावा दे रहे हैं. ‘फैमिली क्लब’ में शामिल होने वाली नेता बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती हैं, जिन्होंने अपने भतीजे आकाश को बसपा के एकमात्र राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में नियुक्त किया है.

आकाश पहले भी रामजी गौतम के साथ पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक थे, लेकिन अब उन्हें अकेले ही जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि इस कदम से संकेत मिलता है कि उन्हें एक बड़ी भूमिका के लिए तैयार किया जा रहा है, जो कि संभवत: मायावती के उत्तराधिकारी के रूप में हो सकता है. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, “हालांकि पार्टी में उनकी भविष्य की भूमिका के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि वह एक विशेष पद पर हैं और अब उन्हें आगे एक बड़ी भूमिका के लिए तैयार किया जाएगा.”

सूत्रों ने बताया कि आकाश को जानबूझकर चुनाव प्रचार से इसलिए दूर रखा गया क्योंकि मायावती नहीं चाहती थीं कि वह ऐसे समय में पदार्पण करें जब पार्टी सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी. हालांकि, आकाश कई अन्य राज्यों में पार्टी की बैठकों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं, जहां उनकी भूमिका को बेहतर ढंग से परिभाषित किया गया था. बसपा अब अपना ध्यान अन्य राज्यों पर केंद्रित करेगी जहां 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं. मायावती ने देश को सात सेक्टरों में बांटा है और पार्टी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सेक्टर कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं.