लखनऊ. नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 26 मई को 6 माह पूरे हो रहे हैं. किसानों ने इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने किसानों के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है. उन्होंने ने केंद्र सरकार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से वार्ता करने की नसीहत दी. साथ ही उनकी समस्या का हल निकालने की अपील भी की है.
मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर देश के किसान कोरोना महामारी के इस अति-विपदा काल में भी लगातार आंदोलित हैं. आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर कल 26 मई को उनके देशव्यापी विरोध दिवस को बसपा का समर्थन है. केंद्र को भी इनके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है.
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बसपा प्रमुख ने कहा कि देश के किसानों के प्रति केंद्र का रवैया अभी तक अधिकतर टकराव का ही रहने से उत्पन्न गतिरोध के कारण खासकर दिल्ली के पड़ोसी राज्यों आदि में स्थिति तनावपूर्ण है. आंदोलित किसानों से वार्ता करने और इनकी समस्या का हल निकालने की केंद्र सरकार से बसपा की पुनः अपील है.
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