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लखनऊ. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रैली में मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना गांधी, नेहरू, और पटेल से की है. इसे लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि चुनाव में हिंदू-मुस्लिम करके माहौल खराब करने की कोशिश हो रही है. यह सपा और भाजपा की मिलीभगत का हिस्सा है.
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि ‘सपा मुखिया द्वारा जिन्ना को लेकर कल हरदोई में दिया गया बयान व उसे लपक कर भाजपा की प्रतिक्रिया यह इन दोनों पार्टियों की अंदरुनी मिलीभगत व इनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, ताकि यहां यूपी विधानसभा आमचुनाव में माहौल को किसी भी प्रकार से हिंदू-मुस्लिम करके खराब किया जाए.
2. सपा व भाजपा की राजनीति एक-दूसरे के पोषक व पूरक रही है। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी व साम्प्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है। इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है जबकि बीएसपी जब सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर ।
— Mayawati (@Mayawati) November 1, 2021
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि ‘सपा व भाजपा की राजनीति एक-दूसरे के पोषक व पूरक रही है. इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी व साम्प्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है. इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है, जबकि बीएसपी जब सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर.’