लखनऊ. यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद बुधवार को सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट में पेश हुए. मजिस्ट्रेट प्रभात त्रिपाठी के सामने कैबिनेट मंत्री ने जमानत याचिका प्रस्तुत की. जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई. सुनवाई के बाद सीजेएम ने वारंट निरस्त कर दिया. मत्स्य मंत्री को तीन दिन के भीतर एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो में भी हाजिर होना है. मंगलवार को आरपीएफ ने उनके आवास पर कोर्ट का समन चस्पा किया था.

मंत्री की तरफ से अधिवक्ता के दिए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करने के बाद सीजेएम ने गैर जमानती वारंट निरस्त कर दिया. वहीं कसरवल कांड में आरपीएफ के द्वारा दर्ज कराए गए रेलवे एक्ट के तहत दर्ज हुए मुकदमे में डॉ. संजय निषाद को तीन दिन के भीतर एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो में हाजिर होना है. बस्ती आरपीएफ के दारोगा ने मंगलवार को पादरी बाजार स्थित उनके आवास पर कोर्ट का समन चस्पा किया.

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बता दें कि सरकारी नौकरी में निषादों को पांच फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर वर्ष 2015 में संत कबी रनगर के कसरवल में बवाल हुआ था. आंदोलनकारी व पुलिस-प्रशासन आमने-सामने आ गए थे. बवाल के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी. इससे नाराज आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक बाधित कर दिया था. रेल की पटरियां उखाड़ दी गई थीं. इससे ट्रेनों का आवागमन ठप हो गया था. इस मामले में आरपीएफ बस्ती-संत कबीर नगर ने भी मुकदमा दर्ज किया था. इसकी सुनवाई गोरखपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो में चल रही थी.

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